आधा सैकड़ा बड़े बुकी दूसरे शहरों में बैठकर संचालित कर रहे थे कारोबार
पुलिस कर रही जाँच, आधा सैकड़ा से अधिक हुए भूमिगत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। आईपीएल क्रिकेट का 16वां सीजन मंगलवार को हुए फाइनल के साथ समाप्त हो गया। इस सीजन में 60 से अधिक मैच खेले गए जो कि सटोरियों के लिए भी कमाई का एक मौका साबित हुए। जानकार सूत्रों के अनुसार प्रत्येक मैच में शहर के सटोरियों द्वारा 1 करोड़ से अधिक की सट्टेबाजी की गई और सीजन समाप्त होने पर सट्टे में खाईबाजी व लगाईबाजी का आँकड़ा सवा सौ करोड़ से अधिक का होना बताया जा रहा है। इस पूरे कारोबार को शहर के करीब आधा सैकड़ा बुकियों द्वारा भूमिगत होकर या फिर शहर के बाहर से या विदेशों में बैठकर तक संचालित किया गया। इसमें हारने वाले कई परिवार तबाह हुए, लेकिन मर्यादावश अब तक कोई पुलिस के सामने नहीं आया।
जानकार सूत्र बताते हैं कि पुलिस की कड़ाई को देखते हुए आईपीएल सीजन शुरू होने से पहले ही कई बड़े बुकी शहर छोड़कर चले गए थे। इन सटोरियों का नेटवर्क इतना तगड़ा था कि वे दूसरे शहरों में बैठकर यहाँ हर मैच में सट्टेबाजी कर रहे थे। इसके लिए इन सटोरियों द्वारा करीब 5 सौ छोटे बुकियों को लाइन बाँटी गई थी। उनके द्वारा करीब डेढ़ से दो हजार अन्य ग्राहक तैयार किए गए थे जिनके जरिए पूरा कारोबार आसानी से संचालित हो रहा था। वहीं सटोरियों द्वारा ग्राहकोंं को चुकारा करने के लिए जहाँ आनलाइन भुगतान किया जाता था, वहीं दूसरे शहरों में हवाला के जरिए भुगतान किया जाता था। लोकल स्तर पर इस काम के लिए कमीशन एजेंट भी नियुक्त किए गए थे जो कि हार-जीत की रकम वसूली करने व भुगतान करने में जुटे रहते थे।
नकद नहीं लाखों का हिसाब मिला
जानकारों के अनुसार पुलिस द्वारा आईपीएल सीजन के दौरान एक दर्जन से अधिक कार्रवाई की गईं जिसमें नकद रकम तो नहीं मिली लेकिन सटोरियों के पास से लाखों का हिसाब-किताब और उनके नेटवर्क का पता चला है, जिसकी जाँच जारी है। इस दौरान सबसे अधिक मामले सटोरिया दिलीप खत्री के नाम पर दर्ज हुए और वह फरार है। वहीं पुलिस ने देवेश विश्वकर्मा, अजय कनौजिया, विक्रांत बुंदेला, नितिन ठाकुर, सम्यक जैन, निखिल जैन, मुकेश हरजानी, इूशे कैथल आदि को पकड़ा।
सटोरियों ने बनाया अपना एप
जानकारी के अनुसार शहर में सटोरियों द्वारा कारोबार को अपने तरीके से संचालित करने के लिए खुद अपना एप तैयार करवाया गया था। इनमें प्रमुख रूप से मनी एक्सचेंज, डायमंड, ऑरेंज, ड्रिपल-7, क्रिक लाइव, क्रिक लाइन, बेट फेयर, स्पोट्र्स बैटिंग आदि थे। इन एप के जरिए आईपीएल मैच में सट्टेबाजी की गई।
सट्टेबाजों पर थी नजर
आईपीएल सीजन में सटोरियों के नेटवर्क को तबाह करने के लिए पुलिस व साइबर की टीमों को सक्रिय किया गया था जिसके परिणाम स्वरूप दो दर्जन से अधिक सटोरियों को पकड़ा गया, वहीं कुछ बड़े बुकियों को भी आरोपी बनाया गया है जिनकी तलाश की जा रही है।
टीके विद्यार्थी, एसएसपी