हर-हर महादेव का जयघोष, काँवड़ के सहारे सजेगी धरती
संस्कार काँवड़ यात्रा सोमवार को सुबह तकरीबन 7.30 बजे सिद्धघाट से प्रारंभ हुई, जगह-जगह हुआ स्वागत
जबलपुर। आस्था का तकरीबन 35 किमी लंबा पथज् और उस पर चलने वाले हजारों, सभी का एक संदेश, जल और जलवायु..। संस्कार काँवड़ यात्रा इस बार कुछ अलग रही। काँवड़ में एक तरफ माँ नर्मदा का अमृत जल रहा तो दूसरी तरफ पौधा। श्रद्धा भक्ति के अवसर पर धरती को सँवारने का सीधा संदेश भी दिया गया।
संस्कार काँवड़ यात्रा सोमवार को सुबह तकरीबन 7.30 बजे सिद्धघाट से प्रारंभ हुई। संतों के सान्निध्य में माँ नर्मदा एवं भगवान महादेव का दुग्धाभिषेक िकया गया। भक्तों की संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यात्रा को शास्त्री ब्रिज तक पहुँचने में दोपहर के साढ़े ग्यारह बज गए।
काँवड़ यात्रा शाम तकरीबन 5 बजे मटामर पहुँची, जहाँ भक्तों ने भगवान भोले नाथ का पूजन-अर्चन किया। इस दौरान आयोजन समिति के नीलेश रावल, संयोजक शिव यादव, भारत सिंह यादव, विशाल यादव, राजेश यादव, कमलेश सिंह, मनोज लोधी, राजेंद्र मिश्रा, गोरैया यादव का सहयोग रहा।
साधु-संतों का सान्निध्य -
यात्रा साधु-संत समर्थ भैया जी सरकार एवं कैलाश धाम के संत रामू दादा, स्वामी पगलानंद महाराज के सान्निध्य में निकाली गई। यात्रा में ढोल नगाड़ों में भजनों की प्रस्तुति चलती रही जिससे वातावरण और धर्ममय हो गया।
जगह-जगह स्वागत-
गौरीघाट से काँवड़ यात्रा शुरू होने के साथ ही स्वागत वंदन की शुरुआत हो गई। यात्रा का सम्पूर्ण ब्राह्मण महासभा के पं. समीर दीक्षित, नेमा युवक संघ, दर्पण इकाई के राकेश नेमा, रेखा नेमा, डॉ. पुरुषोत्तम नेमा, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के शरद अग्रवाल, श्रीराम सेवा समिति के श्यामली झा, कविता दुबे, शुभम झा, राजेश साहू, फूटाताल में स्वामी गिरजा के नेतृत्व में राजेश पांडे, राजेश केशरवानी, दुर्गेश, सत्यशील सोनी, नमामि देवी नर्मदा सेवा समिति के सुजीत अवस्थी, निरभव निरवैर सेवक जत्थे के दमनीत सिंह प्रिंस भसीन, टीटू जग्गी, नंदा, हरदीप सिंह की ओर से अलग-अलग स्थानों पर स्वागत किया गया।