जबलपुर: दो साल में नहीं बन सकी गंगासागर सड़क
- दो से तीन हिस्सों में अभी भी अधूरी, अंतिम हिस्से में विद्युत पोल शिफ्ट होना बाकी, दो पुलियों में काम थमा
- गंगासागर में विद्युत सब स्टेशन के सामने इसमें पुलिया नहीं बन सकी।
- विशेष तौर पर रात के समय यदि थोड़ी भी वाहन की गति बढ़ाई तो कुछ हिस्सों में हादसा तक हो सकता है ऐसे हालात हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मदन महल चौक से आमनपुर, गंगासागर तक लगभग एक किलोमीटर के दायरे में सीमेण्टेड सड़क को चौड़ा कर नया रूप दिया जा रहा है। इसके लिए पहले कब्जे हटाये गये फिर काम शुरू हुआ। यह काम शुरुआत में तो कुछ तेज गति से चला लेकिन पुलिया जहाँ बननी थी उस हिस्से में जाकर काम अटक गया है।
इस मार्ग के निर्माण की प्रोसेस दो साल से चल रही है लेकिन उसके बाद भी यह लगभग एक किलोमीटर का लंबा मार्ग अब भी निर्माण में अधूरा ही है। गंगासागर में विद्युत सब स्टेशन के सामने इसमें पुलिया नहीं बन सकी।
यहाँ अभी एक हिस्से में काम तक आरंभ नहीं हो सका है। इसी तरह इससे आगे वाले हिस्से में पुलिया जो बननी थी वह भी एक ही हिस्से में बनी है जिसमें एक हिस्से से ट्रैफिक निकाला जा रहा है।
इस तरह सालों की कवायद के बाद भी मदन महल से आमनपुर, गंगासागर मार्ग से निकलना आसान नहीं है। विशेष तौर पर रात के समय यदि थोड़ी भी वाहन की गति बढ़ाई तो कुछ हिस्सों में हादसा तक हो सकता है ऐसे हालात हैं।
डिवाइडर बनाया ही नहीं
जानकारों का कहना है कि यह सीमेण्ट सड़क जो 60 फीट की चौड़ाई में जहाँ तक बनी है उसमें बीच के हिस्से में डिवाइडर न बनने से अभी भी चलने में सहजता नहीं है। दोनों हिस्सों में जो दुकानों, मकानों के कब्जे अलग किये गये थे उनके सामने वाहन खड़े होने लगे हैं जिससे निर्माण के साथ ही सड़क पर कब्जे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि प्लान के अनुसार इस मार्ग पर डिवाइडर बना दिया जाए तो फोरलेन के हिसाब से ट्रैफिक संचालित होगा जिससे जनता को निकलने में आसानी हो सकती है।
पण्डा की मढ़िया तक बने तभी राहत
पश्चिमी हिस्से के लोगों का कहना है कि मदन महल से आमनपुर और उससे आगे गंगासागर तालाब की सीमा तक जो सड़क बन रही है यदि यह आगे बढ़कर बीटी तिराहा, आनंद कुंज और गढ़ा बाजार को क्रॉस करते हुये पण्डा की मढ़िया तक चौड़ी बने तो लाखों की आबादी का भला हो सकता है।
गंगासागर से आगे सड़क केवल 24 से 25 फीट ही चौड़ी है कई जगह तो इसकी चौड़ाई 18 फीट ही रह गई है, यह चौड़ाई जब तक नहीं बढ़ाई जाती है तब तक जनता को राहत मिलना संभव नहीं है।