विदेशी एमबीबीएस: एफएमजीएल नियम की वैधानिकता को चुनौती

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व नेशनल मेडिकल कमीशन को नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-09 10:11 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

विदेश से एमबीबीएस डिग्री करने और प्रैक्टिस हेतू लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन लाइसेंस रेगुलेशन की उस धारा को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है जिसके तहत छात्र को संबंधित (विदेशी) कॉलेज से ही 12 माह की इंटर्नशिप करना अनिवार्य है। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद जस्टिस सुजय पॉल व जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की अवकाशकालीन खंडपीठ ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, मप्र चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। भोपाल निवासी अनूप पचौरी ने याचिका दायर कर बताया कि उन्होंने 3 नवंबर 2021 को यूक्रेन के कॉलेज में फीस जमा की और प्रवेश लिया। इसके बाद 10 दिसंबर 2021 से एमबीबीएस की कक्षाएँ शुरू हुईं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन ने 18 नवंबर 2021 को फाॅरेन मेडिकल ग्रेजुएशन लाइसेंस रेगुलेशन जारी किया। इसके तहत विदेश से एमबीबीएस करने वाले छात्र को उसी कॉलेज में 12 माह की इंटर्नशिप करना अनिवार्य है जहाँ उसने प्रवेश लिया है। वहाँ से लाइसेंस लेने के बाद भारत आकर पुन: इंटर्नशिप कर सकते हैं। दलील दी गई कि पिछले एक वर्ष से यूक्रेन में युद्ध जारी है, ऐसी स्थितियों में उक्त शर्त का पालन करना असंभव है। यह दलील भी दी गई कि चूँकि याचिकाकर्ता ने उक्त रेगुलेशन के अस्तित्व में आने के पहले यूक्रेन में प्रवेश लिया था, इसलिए नया नियम उस पर बाध्यकारी नहीं होना चाहिए।

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