राजस्व की टीम जुटी है: "रानीताल' से हटेंगे अतिक्रमण नाप जोख का कार्य हुआ पूरा
- अतिक्रमणों की सूची बनाने में लग रहा टाइम, बाकी तालाबों का भी सीमांकन होगा
- रानीताल तालाब पर दर्जनों कब्जे हो चुके हैं और इनमें से बहुतों के पास पट्टा भी है।
- इस टीम ने तालाब का सीमांकन कर लिया है और अब अतिक्रमणों की सूची तैयार की जा रही है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। राजस्व विभाग की टीम इन दिनों रानीताल तालाब के नापजोख में जुटी है। न्यायालयीन आदेश पर की जा रही है इस नपाई में मुख्य रूप से तालाब की भूमि और वहाँ किए गए अतिक्रमणों को सूचीबद्ध किया जा रहा है।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कब की जाएगी यह तो नहीं पता लेकिन यह तय है कि तालाब को अब लावारिस नहीं छोड़ा जाएगा और जल्द ही इसको नए सिरे से सँवारने कि कवायद की जाएगी। सीमांकन और अतिक्रमणों की लिस्टिंग के लिए पूरी एक टीम तैनात की गई है जिसमें आरआई, पटवारी और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
रानीताल तालाब पर दर्जनों कब्जे हो चुके हैं और इनमें से बहुतों के पास पट्टा भी है। पिछले दिनों राज्य शासन ने सभी तालाबों के सीमांकन के आदेश जारी किए हैं जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने तालाब बचे हैं और कितनों पर कब्जे हो चुके हैं। हालाँकि यह कार्य पहले भी कई बार किया जा चुका है लेकिन ऐसा लगता है कि इस बार इस मामले में कोई न कोई कार्रवाई की जाएगी।
बन रही अतिक्रमणों की सूची
बताया जाता है कि रानीताल तालाब के सीमांकन के कार्य के लिए आरआई सुयोग्य श्रीवास्तव और पटवारी जागेन्द्र पीपरी, नरेंद्र यादव के साथ ही अन्य पटवारी और कुछ कर्मचारियों को रखा गया है। इस टीम ने तालाब का सीमांकन कर लिया है और अब अतिक्रमणों की सूची तैयार की जा रही है। टीम के सदस्यों का कहना है कि शत-प्रतिशत अतिक्रमणों को चिन्हित किया जा रहा है, इस कार्य में समय लगेगा।
शहर के अन्य तालाबों पर भी हो रहा सर्वे
ऐसा नहीं कि यह कार्य केवल रानीताल तालाब में ही किया जा रहा है बल्कि शहर के अन्य तालाबों का सर्वे भी हो रहा है। जिस प्रकार रानीताल तालाब पर कब्जे किए गए हैं उसी प्रकार माढ़ोताल तालाब, गोकलपुर तालाब में सर्वाधिक कब्जे हैं।
गोकलपुर तालाब शहर का सबसे बड़ा तालाब है और उसमें कब्जे भी भरमार हैं। प्रदेश शासन यदि इस तालाब को सँवारने का जिम्मा उठाता है तो निश्चित ही यह एक पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात हो सकता है।