कर्मचारियों को हो रहा नुकसान, जीपीएफ खाते में एंट्री तक नहीं हो रही
कर्मियों को जीपीएफ पर नहीं मिल रहा उचित ब्याज
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
नगर निगम के कर्मचारियों को जीपीएफ पर उचित ब्याज नहीं मिल रहा है। वर्तमान में जीपीएफ की ब्याज दर 7 प्रतिशत से अधिक है, जबकि उन्हें केवल 3.5 प्रतिशत ब्याज ही दिया जा रहा है। इस मामले में कोर्ट में भी याचिका दायर की गई, हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम ने तीन वर्ष में जवाब तक दाखिल नहीं किया है। मानव अधिकार आयोग भी कई बार नगर निगम से जवाब माँग चुका है, आयोग को भी जवाब नहीं दिया जा रहा है।
मप्र वाहन-चालक यांत्रिक संघ के महामंत्री नरसिंहमलू का कहना है कि जीपीएफ ब्याज दर का निर्धारण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है। इसमें कोई भी संस्थान फेरबदल नहीं कर सकती है। नगर निगम के अधिकारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 7 प्रतिशत से अधिक जीपीएफ ब्याज दर को 3.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मामले में जब कोर्ट में याचिका दायर की गई तो अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं। स्थिति यह है कि कर्मचारियों के खाते में जीपीएफ की एंट्री तक नहीं की जा रही है। कर्मचारियों को यह तक नहीं मालूम है कि उनके जीपीएफ खाते में कितना पैसा जमा है।
जीपीएफ ब्याज दर मामले में कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। कर्मचारियों के खाते में जीपीएफ की एंट्री करने के लिए पत्र लिखा गया है।
- विद्यानंद बाजपेयी,अपर आयुक्त वित्त