बिजली महकमा हड़ताल पर, कभी भी अंधकार में डूब सकता है शहर
हड़तालियों ने बिजली मुख्यालय शक्ति भवन के सामने किया प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क जबलपुर। लम्बे समय बाद यह पहला मौका है जब बिजली महकमे के अधिकारी और कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर चले गए हैं। इससे बिजली विभाग की व्यवस्थाएँ चरमरा गई हैं और खतरा मंडरा रहा है िक कभी भी शहर अंधेरे में डूब सकता है। पहले ही दिन अनेक क्षेत्रों में बिजली गुल हुई जिसका सुधार नहीं हो पाया और लोग परेशान होते रहे। हड़तालियों ने बिजली मुख्यालय शक्ति भवन के सामने प्रदर्शन िकया और सरकार के िखलाफ नारेबाजी की।
बिजली कम्पनियों के अधिकारी और कर्मचारी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन
हड़ताल पर चले गए। 8 सूत्रीय माँगों को लेकर विद्युत मंडल के यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्प्लॉईज एंड इंजीनियसर्य, मप्र विद्युत मंडल अ?भियंता संघ और पॉवर इंजीनियर्स एम्प्लॉईज एसोसिएशन द्वारा लगातार आंदोलन किए जा रहे थे, कई मर्तबा आधिकारिक स्तर पर चर्चा भी हुई, लेकिन माँगों पर कोई सहमति नहीं बनी और संगठनों ने हड़ताल का निर्णय लिया। शुक्रवार को कई कार्यालय तो खुले ही नहीं जिससे जिले में बिजली कम्पनी की सारी व्यवस्थाएँ चरमरा गईं। अ?भियंता और कर्मचारियों ने श?क्ति भवन गेट पर प्रदर्शन किया। संगठनों ने चेतावनी दी है कि जब तक माँगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
पूरा प्रदेश डूब सकता है अँधेरे में -
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, मध्य प्रदेश प?श्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेन्ट कम्पनी और मध्य प्रदेश पॉवर जनरेशन कम्पनी में कार्यरत लगभग 50 से 60 हजार अ?धिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे यह खतरा मंडरा रहा है िक पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था कभी भी ठप हो सकती है।
संगठनों की माँगें-
यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्प्लाईज एंड एसोसिएशन के अध्यक्ष वीकेएस परिहार ने बताया कि लगातार ऊर्जा विभाग की उत्तरवर्ती कंपनियों में निजीकरण नहीं करने, सातवें वेतनमान की संरचना में विद्युत कंपनियों द्वारा परिलक्षित ओ थ्री स्टार कॉलम को तत्काल विलोपित कर पे बैंड फोर का वेतनमान समान रूप से दिए जाने, राज्य विद्युत मण्डल के कर्मियों की पेंशन ट्रैजरी से दिए जाने एवं 2006 के उपरांत नियुक्त किए गए कार्मिकों को ओल्ड पेंशन प्रदान किए जाने, संविदा कर्मियों की सेवा शर्तें सुरक्षित करने, आउटसोर्स कर्मियों की सेवा सुरक्षित कर दुर्घटना बीमा 20 लाख तक देने, कर्मचारियों की सभी वेतन विसंगति दूर करने और संगठनात्मक संरचना ओएस का जल्द से जल्द निर्धारण करने की माँग की जा रही है।
न सुधार होगा न कनेक्शन मिलेगा-
हड़ताल के कारण बिजली लाइनों का मेंटेनेंस नहीं होगा। फॉल्ट आने पर सुधार कार्य नहीं किया जा सकेगा। हड़ताल यदि लम्बी खिंची तो राजस्व वसूली प्रभावित होगी। बिजली बिल से जुड़े किसी भी प्रकार के कार्य नहीं होंगे। नए मीटर कनेक्शन या टीसी कनेक्शन जारी करवाने में उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ेगी। शहर समेत प्रदेश के सभी पॉवर हाउस में अधिकारी और कर्मचारी नहीं रहेंगे।