जबलपुर: शहर के यातायात के लिए फजीहत बन रहे ई-रिक्शा

  • हर चौराहे पर इनकी वजह से अब निकलना आसान नहीं रहा
  • कई हिस्सों में तो यातायात की गति को ही धीमा कर दिया
  • लोगों का कहना- लगाम न लगाई तो आगे बहुत बड़ी समस्या बनेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-15 08:27 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में बीते दो से तीन सालों में जो ई-रिक्शा की बाढ़ आई वह ट्रैफिक के लिए अब दु:खदायी साबित होने लगी है। ये ई-रिक्शा ट्रैफिक के निर्धारित नियम का पालन करते हुये चलते तो कोई बात नहीं थी लेकिन हालात ऐसे हैं ये ऑटो रिक्शा से ज्यादा परेशानी पैदा करने लगे हैं।

इन दिनों शहर के किसी भी इलाके में चले जाइए इनकी वजह से चौराहों, तिराहों में आसानी से निकलना संभव नहीं होता, क्योेंकि ये रिक्शे ज्यादातर हिस्सा घेरकर खड़े होते हैं।

हालत ऐसे तक हैं कि ई-रिक्शा शहर में ट्रैफिक नियमों को भी पूरी तरह से ताक पर रखे हैं।

रात से लेकर सुबह किसी भी चौराहे पर बिना नंबर के ऐसे ई-रिक्शा घूमते मिल जायेंगे जो ट्रैफिक रूल्स को तोड़ने आमादा रहते हैं।

सड़कों पर इनसे परेशान लोगों का कहना है कि सरकार की छूट का ई-रिक्शा चालक गलत फायदा उठाने उतारू हैं। न तो ये नंबर प्लेट लगा रहे हैं और न ट्रैफिक नियम काे फाॅलो करते हैं।

इन पर अब ऑटो रिक्शा की तरह ही सख्ती के साथ कार्रवाई की जरूरत है, तभी ट्रैफिक मापदण्डों का पालन करेंगे।

एक नजर इस पर भी

4500-5500 शहर में ई-रिक्शा

10000 शहर में कुल पंजीकृत

5500 इनमें से वैध ऑटो

4500 शहर में अवैध संचालन

80% इनमें नंबर प्लेट ही नहीं

रफ्तार थम रही है इनकी वजह से

एक्सपर्ट का मानना है कि शहर में ट्रैफिक की गति इन ई-रिक्शा की वजह से कम हो चुकी है। सूनी सड़क पर भी ये पीछे चलने वाले को जगह नहीं देते इसका नतीजा यह होता है कि इनके पीछे पूरा ट्रैफिक या वाहन चलता रहता है।

कई शहरों में इनकी अराजकता की वजह से इनको खदेड़ना शुरू कर दिया गया है। इनके लिए रूट निर्धारित किये जा रहे हैं और निर्धारित रूट के अलावा ये कहीं और संचालित नहीं हो सकते हैं। लोगों का कहना है कि यहाँ भी ऐसा ही प्लान बनना चाहिए।

कहीं भी बेधड़क मुड़ना, अचानक रुक जाना

सड़कों पर यह नजारा आम है कि ई-रिक्शा वाले बिना इंडीकेशन के किसी भी ओर मुड़ गया। इससे पीछे चलने वाला आदमी हादसे का शिकार होते बचा।

सवारी को झपटने के अंदाज में पकड़ना और दायें-बायें कोई इशारा किये बिना तेजी से आगे बढ़ जाना। शहर की सड़कों पर ऑटो के साथ इनकी वजह से भी ट्रैफिक का कबाड़ा हो रहा है।

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