जबलपुर: प्राचार्य बनने में बेरुखी, 19 को बुलाया, पहुँचे केवल 4

विडंबना : न वेतन बढ़ेगा न ही पोस्ट स्थायी, मनपसंद जगह भी नहीं इसलिए घट रहा रुझान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-12 08:32 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

सीधे शब्दों में कहा जा सकता है कि शिक्षा विभाग को प्राचार्य ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। वजह भी वाजिब है। जिन शिक्षकों को तवज्जो देकर प्राचार्य की कुर्सी थमाई जा रही है दरअसल, न तो उनके वेतन में बढ़ोत्तरी होने वाली है और न ही ओहदा स्थायी है। यही वजह है कि डीईओ कार्यालय में सोमवार को जब उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 की काउंसलिंग के लिए बुलाया गया तो 19 शिक्षकों में से महज 4 ही पहुँचे।

शिक्षा विभाग को बमुश्किल से अंगुली में गिने जा सकने वाली संख्या में प्राचार्य चाहिए लेकिन पूरी जोर आजमाइश के बावजूद खाली सीटें फुल नहीं हो पा रही हैं। शैक्षणिक सत्र भले ही फर्राटा मार रहा हो लेकिन जिन स्कूलों में प्राचार्य नहीं हैं वहाँ व्यवस्था मनमर्जी की बनी हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सोमवार को सुबह 11 बजे से काउंसलिंग शुुरू की गई। अधिकारियों को उम्मीद रही कि खूब भीड़ जुटेगी, काफी वक्त भी लगेगा लेकिन अफसोसजनक पहलू यह है कि महज चार शिक्षक ही पहुँचे और काउंसलिंग चंद मिनटों में सिमट गई।

1 राजी, 1 को मंजूर नहीं, 2 जहाँ के तहाँ

काउंसलिंग में पहुँचे 4 उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों में से 1 प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हो गए हैं। एक ने साफ इनकार कर दिया है, जबकि दो शिक्षक जहाँ हैं वहीं उप प्राचार्य की कुर्सी सँभाल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि प्राचार्यों की कमी को कम करने के लिए हर एक जुगत अब तक नाकाफी साबित हो रही है।

आज फिर से होगी जोर आजमाइश

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मंगलवार को दूसरे दिन भी काउंसलिंग आयोजित की गई है। जानकारों का कहना है कि अधिकारी उम्मीद बाँधे हुए हैं। मंगलवार को काउंसलिंग के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो सकेगी कि कितने उच्च्तर माध्यमिक शिक्षक प्रभारी प्राचार्य बनने के लिए तैयार हैं।

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