जबलपुर: प्रदेश की बिजली कंपनियों में भेदभाव से युवा अभियंताओं का हो रहा पलायन

  • भविष्य अंधकार में देख युवा इंजीनियरों ने छोड़ी बिजली कंपनी
  • करीब 37 अभियंताओं को एनटीपीसी में दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है।
  • पिछले 6 महीनों में लगभग 70-80 अभियंताओं ने कंपनी से त्यागपत्र देकर दूसरी जगह ज्वाॅइन कर लिया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-08 10:44 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में भेदभाव से परेशान एवं ओ-3 स्टार, पदोन्नति और अन्य विसंगतियों के कारण अपने भविष्य को अंधकार में देखते हुए मप्र जनरेटिंग कंपनी के बहुत से अभियंताओं ने अन्य विद्युत कंपनियों में आवेदन दिए हैं।

जानकारी के अनुसार करीब 37 अभियंताओं को एनटीपीसी में दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। अनुभवी इंजीनियर्स के द्वारा मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों को छोड़कर जाने से सबसे अधिक नुकसान मप्र की पाॅवर जनरेटिंग कम्पनी को होगा।

बताया जाता है कि पिछले 6 महीनों में लगभग 70-80 अभियंताओं ने कंपनी से त्यागपत्र देकर दूसरी जगह ज्वाॅइन कर लिया है। सारणी में 660 मेगावाॅट की नई इकाई को खोला जाना था लेकिन इंजीनियरों की कमी के चलते इस यूनिट पर संकट के बादल छाने लगे हैं।

मप्र विद्युत मंडल अभियंता संघ के महासचिव विकास कुमार शुक्ला ने बताया कि विभिन्न संगठनों द्वारा बिजली कंपनी के प्रबंधनों को कई बार अभियंताओं की समस्याओं को लेकर चेताया गया इसके बावजूद कंपनी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उनकी माँगों का यदि समय रहते निराकरण नहीं किया गया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

प्रबंधन द्वारा पिछले 8 वर्षों से माँगों पर ध्यान नहीं देने से उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा है इसलिए वे विवश होकर विद्युत कंपनी छोड़ रहे हैं। संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की माँग की है, ताकि युवा एवं अनुभवी इंजीनियरों को पलायन से रोका जा सके।

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