भक्ति भाव चरम पर, अब अपने लोक को विदा होंगे गजानन

श्रद्धालुओं को अहसास भी नहीं हुआ और भक्ति के 10 दिन ऐसे ही बीत गए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-16 18:18 GMT

 जबलपुर। वेद पुराण कथा से भी पहले पूज्यनीय भगवान श्री गणेश की भक्ति का पर्व चरम पर है। सड़कों पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ रही है। पंडालों की शोभा भगवान के दिव्य दरबार को आलोकित कर रही है। गणपति वंदना के बीचश्रद्धालुओं को अहसास भी नहीं हुआ और भक्ति के 10 दिन ऐसे ही बीत गए।

चतुर्थी के दिन मंगलवार को गणपति अपने धाम के लिए विदा होंगे। हालाँकि सोमवार को भी नर्मदा तटों पर विसर्जन हुए। तटों पर बनाए गए कुंडों में भक्तों ने गणपति का एक बार फिर से पूजन अर्चन किया और जयकारों के साथ उन्हें विदाई दी।



 


श्री सुप्तेश्वर गणेश मंदिर में भण्डारा-

श्री सुप्तेश्वर गणेश मंदिर में 17 सितम्बर को प्रातः 10 बजे हवन के पश्चात 12 बजे से विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है। समिति के अध्यक्ष विजय चौधरी, उपाध्यक्ष रामेश्वर चौबे, उपाध्यक्ष पुष्कल चौधरी व सचिव अनिल कुमार सिंह ने उपस्थिति की अपील की है।

स्टेशनरी से सजावट, अब बच्चों में वितरण-

गणपति की साज-सज्जा में स्टेशनरी का पहले इस्तेमाल किया गया और अब वहीं कॉपी-किताबें जरूरतमंद बच्चों को वितरित की जाएगी। जानकारी के अनुसार जिला न्यायालय में पदस्थ पीयूष अग्रवाल द्वारा शुरू किए गए इस तरह के अनूठे प्रयास का यह पाँचवाँ वर्ष है। वे बताते हैं कि गणेश जी की प्रतिमा भी पर्यावरण अनुकूल है, जो कि मिट्टी एवं गोबर से निर्मित है।

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