जबलपुर: दो साल में भी नहीं बन पाई माढ़ोताल तालाब के विकास की योजना
- संघर्ष के बाद सरकार के हिस्से में आई अमूल्य जल धरोहर को ही भूल गए अफसर किसी ने मुड़कर भी नहीं देखा
- उल्लेखनीय है कि भू-माफियाओं द्वारा 55 एकड़ के माढ़ोताल तालाब की जमीन बेच दी गई थी।
- क्षेत्रीय नागरिकों ने तालाब को बचाने के लिए जन-आंदोलन किया।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। दीनदयाल चौक, आईएसबीटी से लगे 55 एकड़ रकबे के ऐतिहासिक तालाब का करीब आधा हिस्सा बस्ती में तब्दील हो गया। इसके बाकी हिस्से पर भी भू-माफिया की नजर थी। बड़े संघर्ष और एमपी हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस तालाब का बाकी हिस्सा भू-माफिया के चंगुल से बच गया।
क्षेत्र के प्रबुद्धजनों को लगा कि जो बचा है वही पर्याप्त है। इसे ही संरक्षित कर लिया जाए तो यह अमूल्य जल धरोहर आने वाली कई पीढ़ियों के काम आएगी। तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी की पहल पर नगर निगम ने वर्ष 2022 में जून के पहले सप्ताह में तालाब के गहरीकरण का काम शुरू किया था, लगभग 15 दिन तक तालाब की खुदाई की गई।
बारिश शुरू होते ही गहरीकरण का काम बंद कर दिया गया, इसके बाद किसी ने तालाब की ओर मुड़कर भी नहीं देखा। हालात यह हैं कि अब यहाँ फिर से कब्जे होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि यह उचित समय है, यदि अभी से गहरीकरण का काम शुरू किया जाए तो तालाब में रौनक लौट सकती है।
उल्लेखनीय है कि भू-माफियाओं द्वारा 55 एकड़ के माढ़ोताल तालाब की जमीन बेच दी गई थी। पानी के मद में दर्ज तालाब की जमीन का एक दर्जन से अधिक लोगों के नाम पर बटांक भी कर दिया गया था।
इसके बाद जलग्रहण क्षेत्र को बंद कर तालाब को सुखा दिया गया था। क्षेत्रीय नागरिकों ने तालाब को बचाने के लिए जन-आंदोलन किया। ऐतिहासिक तालाब और जल विरासत को बचाने के इस मामले को एमपी हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया।
उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर 31 मई 2022 को तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी ने जाँच के बाद माढ़ोताल तालाब को शासकीय घोषित कर दिया, इसके साथ ही तालाब की जमीन के सभी बटांक निरस्त कर दिए। तत्कालीन कलेक्टर की पहल पर ही नगर निगम ने तालाब के गहरीकरण का काम शुरू किया, लेकिन बारिश शुरू हो जाने के कारण काम बंद कर दिया।
तालाब के आसपास ग्रीन बेल्ट में हो रहे अवैध कब्जे
माढ़ोताल तालाब के आसपास भोला नगर और उद्योग केन्द्र के आसपास की जमीन शासकीय रिकॉर्ड में ग्रीन बेल्ट में दर्ज है। यहाँ पर भू-माफियाओं द्वारा लगातार अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि भू-राजस्व मंडल ग्वालियर से बंदोबस्त निकालकर माढ़ोताल तालाब के आसपास की जमीनों को भी ग्रीन बेल्ट घोषित कर यहाँ से अतिक्रमण हटाना चाहिए।
अभी तक नहीं हटे अतिक्रमण
माढ़ोताल तालाब के चारों तरफ जलग्रहण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हैं। सीमांकन करने के बाद तालाब के चारों तरफ से अतिक्रमण हटाए जाने थे। चौंकाने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन ने तालाब का सीमांकन तो कर दिया है, लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाए गए हैं। इससे फिर से यहाँ पर धीरे-धीरे अतिक्रमण होने लगे हैं।
वाटर स्पोर्ट्स व पर्यटन केन्द्र बनाने की है योजना
माढ़ोताल तालाब को वाटर स्पोर्ट्स के साथ पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है। तालाब का सौंदर्यीकरण के साथ यहाँ पर फूड स्ट्रीट भी बनाई जाएगी। तालाब में मछली और सिंघाड़ा पालन भी किया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। स्थानीय नागरिकों काे उम्मीद थी कि जल्द ही माढ़ोताल तालाब में विकास कार्य शुरू किया जाएगा, लेकिन दो साल में कुछ भी काम नहीं हो पाया है।
नगर निगम द्वारा माढ़ोताल तालाब को विकसित करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद आगे काम शुरू किया जाएगा।
भूपेन्द्र सिंह, कार्यपालन यंत्री