बारिश के पहले सीमांकन कराने की चाह, डेढ़ हजार प्रकरण अटके
एक तरफ सीएम जन सेवा अभियान के जरिए लम्बित प्रकरणों को समाप्त किया जा रहा है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
एक तरफ सीएम जन सेवा अभियान के जरिए लम्बित प्रकरणों को समाप्त किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ सेवाएँ ऐसी हैं जिनमें पेंडेंसी बढ़ती ही जा रही है। सीमांकन के मामलों का भी यही हाल है। बारिश शुरू हो इसके पहले ही लोग चाहते हैं कि सीमांकन संबंधित उनके प्रकरणों का निराकरण हो जाए, लेकिन यहाँ डेढ़ हजार से अधिक प्रकरण लम्बित हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें 150 से अधिक प्रकरण पिछले साल के हैं।
बताया जाता है कि भू-अभिलेख शाखा में सीमांकन संबंधित 1400 प्रकरण इन दिनों पेंडिंग हैं। इनमें 150 ऐसे प्रकरण हैं जो पिछले साल के हैं। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के लिए जब सभी विभागों के पेंडिंग मामलों की सूची तैयार करवाई गई, तब यह बात सामने आई। अब इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश हैं कि बरसात के पहले ही सभी मामलों का निराकरण किया जाए।
खेतों में भर जाता है पानी
जिले में बारिश का सत्र मध्य जून से माना जाता है। हालाँकि प्रमाणिक तौर पर 1 जून से 30 सितम्बर की अवधि को बारिश काल कहा जाता है। इस दौरान खेत-खलिहानों में पानी भरा होता है। वहाँ सीमांकन कार्य में परेशानी होती है इसलिए साधारण तौर पर बारिश के दौरान सीमांकन का कार्य नहीं कराया जाता। यही कारण है कि अप्रैल, मई और जून के प्रथम पखवाड़े में यह कार्य तेजी से कराया जाता है।
सभी प्रकरणों का निराकरण होगा
मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के जरिए सीमांकन के सभी प्रकरणों को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। अधीक्षक भू-अभिलेख ललित ग्वालवंशी का कहना है कि सीमांकन के प्रकरणों की पेंडिंग समाप्त की जाएगी। इसके लिए टीएसएम बढ़ाई जा रही हैं और सभी आरआई और पटवारियों को भी तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।