जबलपुर: सबसे बड़ी तहसील में 5 माह से खराब पड़ी सीमांकन मशीन
मजबूरी में लोग प्राइवेट वेंडरों से करा रहे हैं जरूरी सीमांकन
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
जिले की सबसे बड़ी तहसील अधारताल में पिछले 5 माह से सीमांकन नहीं हो पा रहे हैं। बेहद ही जरूरी होने पर निजी वेंडरों के माध्यम से सीमांकन के कार्य कराए जा रहे हैं। बताया जाता है कि तहसील को मिली टोटल स्टेशन मशीन खराब हो गई है और उसे बनने के लिए भेजा गया है लेकिन अभी तक वह बन नहीं पाई है। लम्बे समय से परेशानी से जूझ रहे कर्मचारियों का कहना है कि लोगाें के आक्रोश का सामना उन्हें करना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि तहसील कार्यालय को सीमांकन के लिए मिली टीएसएम मशीन ने 5 माह पहले ही कार्य करना बंद कर दिया था। इसकी जानकारी भू-अभिलेख विभाग को दी गई और मशीन को सुधार के लिए भेजा गया। अभी तक मशीन का सुधार कार्य नहीं कराया गया है जिससे सीमांकन में परेशानी हो रही है। न्यायालय ने निजी वेंडरों को प्रतिबंधित किया है लेकिन कुछ को इसके लिए अधिकृत कर दिया गया था जिससे अब जरूरी होने पर उन्हीं से सीमांकन का कार्य कराया जा रहा है लेकिन उनसे कार्य कराने पर फील्ड बुक नहीं मिलती है।
मशीन के लिए पत्राचार किया है
टीएसएम मशीन खराब होने से परेशानी तो हो रही है। इसके लिए पत्राचार किया जा रहा है। उम्मीद है जल्द ही मशीन मिल जाएगी। वैसे आवश्यक होने पर निजी वेंडरों की मदद ली जा रही है।
हरि सिंह धुर्वे, तहसीलदार अधारताल
हर दिन पहुँचते हैं कई प्रकरण
बताया जाता है कि तहसील कार्यालय में सीमांकन के सैकड़ों प्रकरण लम्बित हो गए हैं। 5 माह से सीमांकन न होने से वे लोग भी परेशान हैं जिन्हें अपनी सम्पत्ति बेचनी है या फिर खरीदने वाले भी सीमांकन का ही इंतजार कर रहे हैं। ऐसा भी नहीं कि टीएसएम मशीन बहुत महँगी है लेकिन सरकारी कार्य को इतना कठिन बना दिया गया है कि आम नागरिक खुद को परेशान महसूस करने लगा है। तहसील में रोजाना 4 से 5 प्रकरणों में सीमांकन के आदेश हो रहे हैं।