जबलपुर: 13 करोड़ से बनी स्मार्ट सड़क पर मानसून की शुरुआती बारिश में ही हो गए गहरे गड्ढे

  • मेडिकल धनवंतरी और अंधमूक सड़क की हालत पस्त
  • अधिकारियों का कहना- गारण्टी पीरियड में सुधार कराया जाएगा
  • ऐसी सड़कें जिनमें बजट में कोई कसर नहीं रखी गई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-02 09:33 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्मार्ट सड़कों को जब बनाना शुरू किया गया तो दावा किया गया ये सड़कें अन्य सामान्य सड़कों से ज्यादा स्मार्ट और चलने में सहजता देंगी लेकिन अफसोस नगर निगम अधिकारियों के ये दावे एक-एक कर धराशायी हो गए।

जहाँ सड़कें सीमेण्टेड बनी तो उनमें ऊपरी परत गायब होने लगी और जहाँ डामर से बनी वहाँ तो उनमें बड़े-बड़े गड्ढे जनता काे तकलीफ देने लगे हैं।

इस समय मेडिकल काॅलेज गेट से धनवंतरी नगर चौराहा और धनंवतरी नगर से अंधमूक चौराहे वाली स्मार्ट सड़क ऐसी है जिसमें हर दिन नये गड्ढे हो रहे हैं। मानसून की 3 झलों की बारिश ने सड़क की ऐसी हालत कर दी है कि इसमें 3 जगह तो ऐसे गड्ढे हो गए जिनमें चार पहिया वाहन चालक चका पड़ते ही सीट से उछल जाए।

मानसून की अभी एकदम शुरुआत है आगे यह सड़क और भी ज्यादा घटिया गुणवत्ता काे सामने ला सकती है। सड़क में हो रहे गड्ढों पर ईई नगर निगम कमलेश श्रीवास्तव कहते हैं कि यह मार्ग गारण्टी पीरियड में है, इसमें जहाँ भी कुछ खराब हुई है उसमें खुदाई की वजह से हुई है। इसमें जल्द से जल्द अच्छे तरीके से सुधार कराया जाएगा।

यहाँ-वहाँ बिखर गए पेवर ब्लॉक

स्मार्ट प्लान में जो इस मार्ग पर पेवर ब्लॉक लगाए गए उनकी क्वालिटी तो कुछ इस तरह की रही कि ये लगने के बाद से ही उखड़कर यहाँ-वहाँ बिखर रहे हैं। पेवर ब्लॉक लगाने का मुख्य उद्देश्य यही रहता है कि सड़क किनारे फुटपाथ का निर्माण, किनारे धूल प्रदूषण भी इससे कन्ट्रोल हो।

सड़क में जो पेवर ब्लॉक लगे हैं वे ज्यादातर हिस्सों में बर्बाद होने की हालत में पहुँच चुके हैं। लगने के साथ जो इनके उखड़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो थम नहीं सका।

तो भी सड़क नहीं टिक सकी

मेडिकल काॅलेज गेट से धनवंतरी नगर तक सड़क पहले सीमेण्टेड थी। इसके बाद इसकी चौड़ाई को बढ़ाकर फोरलेन िकया गया और डामर चढ़ाया गया पर सीमेण्टेड के बाद भी सड़क में गड्ढे हो रहे हैं।

धनंवतरी नगर चौराहे पर इसी स्मार्ट सिटी के प्लान में सड़क में मास्टिक एसफाल्ट यानी गोंदनुमा डामर का लेप चढ़ाया गया पर यहाँ भी यह डामर का लेप बिखरकर गड्ढे हो गये।

जानकारों का कहना है कि जितना बजट इस मार्ग पर खर्च किया गया उसमें अव्वल दर्जे की सड़क का निर्माण हो सकता था पर कहीं न कहीं अधिकारियों की अनदेखी से इसकी क्वालिटी में फर्क आ गया है।

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