जबलपुर: नर्सिंग-पैरामेडिकल संकाय को अलग करने का निर्णय गलत
- नर्सिंग छात्र संगठन की निर्णय वापस लेने की माँग
- मेडिकल के समस्त कोर्स मेडिकल यूनिवर्सिटीज से ही संचालित हो रहे हैं
- मेडिकल यूनिवर्सिटी के चक्कर काटकर छात्र थक चुके हैं
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नर्सिंग व पैरामेडिकल क्षेत्र के काॅलेजों को मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से अलग कर क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों में जोड़ने के प्रस्ताव को वापस लेने की माँग नर्सिंग छात्र संगठन ने की है।
संगठन द्वारा चिकित्सा शिक्षा मंत्री कार्यालय और चिकित्सा शिक्षा सचिव को ज्ञापन भी दिया गया है। संगठन के अध्यक्ष गोपाल पाराशर का कहना है कि देश के सभी राज्यों में अलग से मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाई गई है और मेडिकल के समस्त कोर्स मेडिकल यूनिवर्सिटीज से ही संचालित हो रहे हैं।
लेकिन मध्य प्रदेश में नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्सेज को मेडिकल यूनिवर्सिटी से हटाकर क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों में जोड़कर उल्टी गंगा बहाने का काम किया जा रहा है, इससे चिकित्सा शिक्षा का स्तर गिरेगा। परंपरागत विवि में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में भ्रष्टाचार, फेल-पास, अस्मत का खेल उजागर हुआ था।
इन गड़बड़ियों से चिकित्सा पाठ्यक्रमों को बचाने के लिए ही मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाई गई। विशेष रूप से चिकित्सा पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए गठित मेडिकल यूनिवर्सिटी की बजाय इसे दूसरे विवि में सौंपना, सरकार का एक बेतुका निर्णय है। इस निर्णय को सरकार तुरंत वापस ले।
वरना आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इधर सोमवार को पैरामेडिकल संकाय के कुछ छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में पटाखे चलाकर और मिठाई वितरित कर निर्णय को सही बताया। जय सिंह राजपूत, आकाश पचौरी आदि ने बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के चक्कर काटकर छात्र थक चुके हैं, लेकिन एयमू द्वारा छात्र हित में निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं।