जबलपुर: चेरीताल में सड़क किनारे खुले मौत के चैंबर, आए दिन हो रहे हादसे

  • जिम्मेदारों का नहीं ध्यान, बारिश के दौरान बनेगी जानलेवा स्थिति
  • क्षेत्रीय नागरिकों की शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
  • नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-18 09:07 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। चेरीताल में सड़क किनारे खुले चैंबर आए दिन हादसों को न्यौता दे रहे हैं। बीते कुछ दिनों में यहाँ लगातार हादसे सामने आए हैं, लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इनकी ओर नहीं है।

जानकारी के अनुसार चेरीताल में गोपाल आर्केड के सामने कुछ दिनों पहले फ्लाईओवर के नीचे की ओर सड़क का निर्माण हुआ है। इससे जुड़ा हुआ नाला भी है। सड़क निर्माण के बाद से ही नाले पर बने चैंबर खुले हुए हैं।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि पूरे कॉम्पलेक्स के सामने 5 चैंबर हैं, जिनमें से एक भी बंद नहीं है। नाले में हर वक्त पानी भरा रहता है, ऐसे में न सिर्फ निकलने वाले राहगीरों बल्कि जीव-जंतुओं के गिरने का भी खतरा रहता है।

बारिश में हो जाएँगे खतरनाक

स्थानीयजनों का कहना है कि शीघ्र ही चैंबरों को अगर नहीं ढका गया तो मानसून में ये चैंबर और खतरनाक हो जाएँगे। चेरीताल क्षेत्र में वैसे भी पानी भरने की समस्या सामने आती है, ऐसे में इन खुले चैंबरों को मौत के चैंबर बनने में समय नहीं लगेगा।

नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है। नाले गंदगी से पटे पड़े हैं, जिनकी सफाई भी नहीं कराई जा रही है।

शासकीय सेवा में कार्यरत एक 50 वर्षीय व्यक्ति किसी कार्य से गोपाल आर्केड आए हुए थे। बाइक पार्क करने के बाद जैसे ही आगे बढ़े, उनका पैर फिसला और सीधे खुले हुए चैंबर में गिर गए। स्थानीय जनों से उन्हें बाहर निकाला। परिवार जनों को सूचना दी। उनका उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है। ब्रेन के साथ फेफड़े में भी चोट आई है। घटना मंे उनका मोबाइल भी नाले में गिर गया।

शिव नगर निवासी 32 वर्षीय युवक भी जब किसी कार्य से चेरीताल स्थित कॉम्पलेक्स पहुँचा तो चैंबर के ढक्कन से उसका पैर टकरा गया। गनीमत यह थी युवक सीधा नाले में नहीं गिरा, लेकिन उसे पैर में चोट जरूर आ गई। लोगों ने बताया कि चैंबर के ढक्कन लंबे वक्त से यहाँ पड़े हुए हैं, लेकिन उन्हें ढकने के लिए कोई प्रयास जिम्मेदारों द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिनसे हादसे हो रहे हैं।

मामला संज्ञान में आया है। चैंबर की सफाई कराकर, ढक्कन शीघ्र ही बंद कराए जाएँगे।

- संदीप जायसवाल, प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी, ननि

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