जबलपुर: हर परिस्थिति में जारी रखा संघर्ष, मधु कलश को बनाया विरासत और विश्वास का प्रतीक
- उतार-चढ़ाव से भरी और प्रेरणादायक है मधु कलश स्वीट्स की डायरेक्टर नंदा गुप्ता की कहानी
- श्रीमती गुप्ता ने बताया कि सदर में मिठाई और खान-पान का उनका व्यवसाय पुश्तैनी है।
- मधु कलश की जिम्मेदारियाँ संभालते हुए व्यापार को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा दिया।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बुरा दौर मजबूत से मजबूत इंसान को कमजोर बना देता है। कुछ विरले लोग ही होते हैं, जो नाजुक दौर से खुद को उबार पाते हैं। जीवन के ऐसे ही संघर्ष की कहानी है मधु कलश स्वीट्स की डायरेक्टर नंदा गुप्ता की।
जिन्होंने कठिन वक्त में हर परिस्थिति का सामना करते हुए न सिर्फ अपनी पुश्तैनी व्यापारिक विरासत का विश्वास बचाए रखा बल्कि दिन-रात की मेहनत से मिष्ठान्न व्यवसाय के क्षेत्र में मधु कलश की अलग पहचान बनाई। श्रीमती गुप्ता ने बताया कि सदर में मिठाई और खान-पान का उनका व्यवसाय पुश्तैनी है।
गुप्ता स्वीट्स के नाम से उनके परिवार की काफी पुरानी दुकान आज भी मौजूद है, लेकिन ससुर जी ने उनके पति के लिए मेन रोड सदर काली मंदिर में जब नई दुकान खोलने की तैयारी की तो उन्होंने दुकान का नाम मधु कलश रखने का प्रस्ताव रखा था, जो सभी को पसंद आया और तभी से मधु कलश स्वीट्स की शुरुआत हुई।
भाई की मदद और बेटों ने खड़े किए नए आयाम
श्रीमती गुप्ता ने बताया कि मधु कलश शुरू होने के बाद उनके पति और ससुर पूरा काम संभालते थे। लेकिन अचानक पति का देहांत हो गया। बेटे की मौत का सदमा लगने से ससुर बीमार रहने लगे और घर के साथ पुश्तैनी व्यापार की जिम्मेदारी उन पर आ गई। बच्चे काफी छोटे थे, ऐसे में उनके भाई संतोष गुप्ता दतिया से जबलपुर आए और उनकी मदद से उन्होंने व्यापार संभाल लिया।
श्रीमती गुप्ता के अनुसार पहले बड़े बेटे रजनीश फिर छोटे बेटे ऋषि ने मधु कलश की जिम्मेदारियाँ संभालते हुए व्यापार को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा दिया। आज सदर के अलावा तिलहरी, गोरखपुर गौरीघाट रोड आदर्श नगर, के साथ शहर में मधुकलश के तीन स्वीट्स शॉप विद स्वीट्स स्टोर संचालित हो रहे हैं।
हर वर्ग के बजट का ख्याल
श्रीमती गुप्ता ने बताया कि मधु कलश में तैयार होने वाली मिठाइयाँ, नमकीन के साथ खान-पान की हर सामग्री में क्वालिटी और क्वांटिटी के साथ हर वर्ग के बजट का ख्याल रखा जाता है। सुबह से रात तक बेटे ही सारा कामकाज संभालते हैं, लेकिन वे आज भी प्रतिदिन एक बार मधु कलश पहुँचकर सबकुछ चेक करती हैं।
इसलिए मधु कलश
कलश मंगल का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कलश में सृष्टि (ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास होता है) जो पवित्रता का प्रतीक होता है।
मंदिरों के शिखर पर कलश लगाया जाता है, श्रीमती गुप्ता कहती है कि यह उत्कर्ष ऊँचाई का भी प्रतीक होता है। मधु का अर्थ होता है मीठा, अमृत आकर्षक होता है।
दुकान का नाम मधु कलश रखने का यही उद्देश्य था, कि पवित्र महत्व के रूप में मिठाई बनाकर ग्राहकों को दी जाए। जिससे उन्हें स्वाद के साथ मन की संतुष्टि भी मिले।
इस नाम के साथ एक और संयोग जुडा हुआ है। श्रीमती गुप्ता बताती है कि उनकी पहली संतान बेटी का नाम भी उन्होंने मधु ही रखा था।
ये है खास
रस माधुरी, रस मलाई, कलाकंद, खोवा जलेबी व काजू की व्हेराइटी है।