उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने के दावे पर फेल हो रही कंपनी

तीन दिन की जगह एक सप्ताह में भी नहीं मिल रही सुविधा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-11 09:37 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अधिकांश सुविधाओं को ऑनलाइन कर िदया गया है, साथ ही इनकी समय सीमा भी तय की गई है। इसको लेकर बिजली कंपनी द्वारा तमाम दावे भी किए जा रहे हैं, लेकिन कंपनी अपने दावों में फेल हाे रही है। लोगों को बिजली कंपनी द्वारा तय समय सीमा में सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत में बताया जा रहा है कि बिजली कनेक्शन ऑनलाइन आवेदन करने पर तीन दिन में देने का दावा किया जा रहा है, परन्तु हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। कई उपभोक्ताओं को हफ्तों गुजर जाने के बाद भी कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। नियमानुसार तो आॅनलाइन आवेदन करने के तीन दिन के भीतर उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन मिल जाना चाहिए परन्तु हकीकत में ऐसा नहीं है। आवेदन के कई दिनों बाद तक कनेक्शन नहीं मिल रहा है। उपभोक्ताओं को कनेक्शन कराने बिजली कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। पिछले दिनों बिजली कंपनी की समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा ने इस मामले को गंभीरता से लिया था, साथ ही उन्होंने अधिकारियों से इसको लेकर सवाल-जवाब भी किए थे। जिस पर अधिकारियों ने अपने बचाव में बताया था कि ऐसे अधिकांश प्रकरण अवैध काॅलोनी से संबंधित हैं। यहाँ पर स्थाई कनेक्शन देना संभव नहीं है। प्रमुख सचिव ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे।

अधिकारी भी जानबूझकर करते हैं देरी

ऑनलाइन आवेदन के बाद बिजली अधिकारियों द्वारा कनेक्शन देने में जानबूझकर देरी की जाती है। आवेदन करने के बाद जेई और लाइन स्टाफ द्वारा उपभोक्ताओं के कनेक्शन स्थल का समय सीमा में निरीक्षण नहीं किया जाता। इसके कारण बिजली कनेक्शन में देरी होती है।

आवेदन के बाद अवैध कॉलोनी, लोड अधिक होने या फिर एक कनेक्शन पहले से होने पर नया कनेक्शन देने में देरी होती है, लेकिन निरीक्षण के बाद शर्तें पूरी हो रहीं हैं तो ऐसे मामले में देरी नहीं होती।

-संजय अरोरा, एसई शहर, पूक्षेविवि कंपनी

दावे में क्यों फेल हो रही कंपनी

बताया जाता है कि उपभोक्ताओं को स्थाई बिजली कनेक्शन समय पर इसलिए नहीं मिल रहे हैं क्योंकि वे नियमों के अनुसार फिट नहीं बैठ रहे हैं। आवेदन या तो अवैध कॉलोनी से होता है या फिर कंपनियों के नियमों के अनुसार दूरी अधिक होती है। कई बार बिजली का लोड अधिक होता है। इसके साथ कई ऐसे भी उपभोक्ता होते हैं जिनके नाम पर पहले से कनेक्शन हैं। इसके कारण कनेक्शन देने में देरी हो रही है। उपभोक्ताओं के दस्तावेजों में तकनीकी गड़बड़ी के कारण भी कनेक्शन नहीं मिल पाता है।

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