जबलपुर: सर्वर के झमेले में एजेंट की गिरफ्त में आसानी से फँस रहे आम नागरिक
- परिवहन विभाग सालों से सर्वर की समस्या का हल नहीं निकाल सका
- परिवहन विभाग एक तरफ दलालों की व्यवस्था पर अंकुश लगाने की बात करता है
- जब कर्मचारी मदद नहीं करते तो मजूबरी में उपभोक्ता एजेंट के पास चला जाता है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आरटीओ में वैसे भी सीधे जाकर काम कराना कठिन है, अब इसमें एनआईसी का सर्वर काम जल्द निपटाने में मदद की बजाय और परेशानी पैदा कर रहा है। एक साधारण आदमी ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर फिटनेस, ट्रांसफर और परमिट तक कई तरह के कामों के लिए आरटीओ जाता है।
जब वहाँ जाकर अपने दस्तावेज का एप्रूवल कराना चाहे तो पता चलता है कि सर्वर ही नहीं चल रहा है। कुछ देर इंतजार के बाद परेशान आदमी अपना काम पास बैठे किसी एजेंट को थमा जाता है। इस तरह जो काम निर्धारित राशि जमाकर सीधे आसानी से हो सकता है वह एजेंट के माध्यम से मोटी रकम देने के बाद ही हो पाता है।
परिवहन विभाग एक तरफ दलालों की व्यवस्था पर अंकुश लगाने की बात करता है, दूसरी ओर जो काम सहज प्रोसेस अपना कर हो सकता है, उसके लिए भी अपनी तकनीकी खामी दूर नहीं कर पाता है। लोगों का कहना है कि ज्यादातर सिस्टम ऑनलाइन होने के बाद अब सर्वर के बहाने से उपभोक्ता को एजेंटों की गिरफ्त में धकेला जा रहा है। इसको लेकर विभाग सालों से कुछ नहीं कर पा रहा है।
विंडो में एक ही उत्तर- सर्वर डाउन है
पीड़ितों का कहना है कि जो कर्मचारी परिवहन विभाग की विंडो पर बैठा होता है, वह सीधे जाने पर साधारण तौर पर एक ही उत्तर देता है कि अभी सर्वर डाउन है, बाद में आना। जो फरियादी कई किलोमीटर का सफर तय कर कार्यालय तक पहुँचता है, वह सहज ही इस बात पर विश्वास कर बैठता है। लोगों का कहना है कि कई बार तो सर्वर चलते रहने में भी सर्वर डाउन होने का बहाना बनाया जाता है। जब कर्मचारी मदद नहीं करते तो मजूबरी में उपभोक्ता एजेंट के पास चला जाता है।
ऑफिस के सामने ही 100 ऑनलाइन सेंटर
जब तक आरटीओ ऑफिस सिविल लाइन एरिया में था तो ऑनलाइन सेंटर और इनके ईदगिर्द घूमने वाले एजेंटों की सख्या कुल 100 के करीब ही रही होगी लेकिन फिलहाल ऐसी हालत है कि ऑफिस में 200 लोग पहुँचते हैं और ढाई सौ एजेंटों का जमावड़ा परिसर में किसी न किसी तरह से रहता है। इनके हाथों में एप्रूवल के कागज और दस्तावेज देखे जा सकते हैं। नजारा ऐसा है कि कार्यालय में अनेक चलित कार्यालय यहाँ-वहाँ खुले हैं।