जबलपुर: डुमना रोड पर सेना की जमीन से सटकर बनाई जा रही काॅलोनी, हो रहे विवाद

  • फेंसिंग से 50 मीटर दूर तक निर्माण करने से आर्मी ने रोका
  • धड़ाधड़ बेचे जा रहे प्लॉट, लोगाें की जीवन भर की पूंजी फँस रही, हो रहे परेशान
  • बिल्डर फेंसिंग से सटाकर प्लाॅट बेच रहे हैं जबकि उन्हें मालूम है कि सेना 50 मीटर तक निर्माण नहीं करने दे रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-24 12:34 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लोग जीवन भर मेहनत करते हैं और खुद के मकान के लिए जमा की गई पूंजी से प्लॉट या मकान खरीद कर सोचते हैं कि अब चैन से जिंदगी जिएँगे। ऐसे लोगों के जीवन में भूचाल लाने के लिए शहर के कुछ बिल्डर धोखाधड़ी करने से भी बाज नहीं आते।

डुमना रोड पर ऐसा ही हो रहा है। दर्जनों लोगों के साथ ऐसा ही धोखा हो रहा है। यहाँ प्रियदर्शिनी काॅलोनी के आगे महगवाँ क्रेशर के पास नई काॅलोनी का निर्माण किया जा रहा है। काॅलोनी सेना की भूमि से सटाकर बनाई जा रही है जिससे दर्जनों प्लॉटों पर अब लोग मकान नहीं बना पा रहे हैं।

वे जैसे ही काम शुरू करते हैं सेना के जवान आकर निर्माण कार्य बंद करा देते हैं। कायदे से बिल्डरों को ऐसे प्लॉट बेचने बंद कर देने चाहिए, लेकिन वे धड़ाधड़ बिक्री में जुटे हैं।

बताया जाता है कि प्रियदर्शिनी काॅलोनी के आगे एक गहरी घाटी है और उसके बाद ऊँचाई पर नई काॅलोनी का निर्माण किया जा रहा है। यह क्षेत्र रांझी तहसील के अंतर्गत आता है। यहाँ एक बिल्डर द्वारा काॅलोनी काटी गई और प्लॉट बेचे जा रहे हैं।

काॅलोनी के लिए फेंसिंग भी की गई है। इस फेंसिंग से काॅलोनी के अंदर की तरफ 50 मीटर तक निर्माण पर सेना ने रोक लगा दी है। ऐसा होने से दर्जनों लोगों के करोड़ों रुपए फँस गए हैं।

न तो सेना ने यहाँ सूचना देने किसी प्रकार का बोर्ड लगाया है और न ही बिल्डर ने ऐसा करने की जरूरत समझी, बल्कि पूरी जानकारी होने के बाद भी बिल्डर फेंसिंग से सटाकर प्लाॅट बेच रहे हैं जबकि उन्हें मालूम है कि सेना 50 मीटर तक निर्माण नहीं करने दे रही है।

कई लोगों ने जब आपत्ति दर्ज की और बिल्डर से सम्पर्क किया तो उन्हें कहा गया कि सेना से बात चल रही है निर्माण की अनुमति मिल जाएगी। वहीं वहाँ नियमित तौर पर निरीक्षण के लिए आने वाले आर्मी के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है।

जानकारी लेकर होगी उचित कार्रवाई

इस मामले में अभी हमारे पास शिकायत नहीं आई है लेकिन यदि ऐसा हो रहा है तो यह गलत है और इसकी पूरी जाँच कराई जाएगी। जाँच के बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा।

-आरएस मरावी, एसडीएम रांझी

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