योजना की जमीन की एनओसी दिए जाने की जाँच कलेक्टर करेंगे
आदेश के बाद जेडीए में हड़कंप का महौल
डिजिटल डेस्क जबलपुर। जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा शासकीय योजनाओं में शामिल जमीनों की आम लोगों को एनओसी दिए जाने का मामला भोपाल तक पहुँच गया है। संभागायुक्त अभय वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना को स्वयं जाँच करने का आदेश दिया है। जाँच आदेश जारी होने के बाद जबलपुर विकास प्राधिकरण में हड़कंप का माहौल बना हुआ है।
यह है पूरा मामला
योजना क्रमांक 11 में खसरा नंबर 5/2/4, 8/2/7 की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। 79 हजार वर्गफीट जमीन जेडीए में आने के बाद बतौर समझौता 16 हजार वर्गफीट भूमि जमीन मालिक को सौंप दी गई थी। इसके अलावा 31, 41 व 28 नंबर योजनाओं में जबलपुर विकास प्राधिकरण को क्षति पहुँचाते हुए आम लोगों को भूमि का उपयोग करने के लिए एनओसी दी गई है और वह भी नियम विरुद्ध। नियम के अनुसार जेडीए की योजना में शामिल भूमि की एनओसी नहीं दी जा सकती है।
41 साल पहले राजपत्र में हुआ प्रकाशन
शिकायतकर्ता सम्राट कुमार, अनूप कुमार ने बताया कि शासन ने राजपत्र में 29 जून 1983 में प्रकाशन करते हुए नगर सुधार न्यास को जमीन सौंप दी थी। जमीन सौंपने के बाद विभिन्न योजनाओं में विकास कर आम लोगों को मकान व प्लॉट विकसित करके देने थे, पर वर्तमान में जबलपुर विकास प्राधिकरण इसे विकसित न करते हुए उन लोगों को एनओसी दे रहा है जिन्हें मुआवजा मिल चुका है।
करोड़ों का मुनाफा होता जेडीए को
शिकायतकर्ता सम्राट का कहना है कि जबलपुर विकास प्राधिकरण योजना में मकान बनाकर देता तो करोड़ों का फायदा जबलपुर विकास प्राधिकरण को होता, चूंकि उक्त जमीन की वर्तमान में दर लगभग 10 हजार रुपए वर्गफीट के करीब है।
वर्जन
संभागायुक्त के द्वारा पूरे मामले की जाँच का आदेश दिया गया है और जल्द जाँच पूरी की जाएगी।
-दीपक सक्सेना, कलेक्टर जबलपुर