देश के पहले मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के प्रथम चरण की शुरुआत, सीएमएचओ ने किया उद्घाटन
"बर्थिंग सुइट" में होगा प्रसव, एल्गिन में एक सुइट डिलेवरी के लिए तैयार
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल में बन रहे देश के पहले मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के प्रथम चरण की शुरुआत हो गई। सीएमएचओ डाॅ. संजय मिश्रा एवं अधीक्षक डॉ. नीता पाराशर ने नवनिर्मित "बर्थिंग सुइट' का विगत दिवस उद्घाटन किया। ऐसा कमरा जहाँ गर्भवती को भर्ती किया जाएगा और उसी कमरे में सामान्य प्रसव होगा। अस्पताल में ऐसे 7 "बर्थिंग सुइट' होंगे, जिनमें 1 शुरू हो गया है। अगले माह के अंत तक बचे हुए सभी सुइट शुरू करने की योजना है। अस्पताल के प्राइवेट वार्ड को कन्वर्ट करके "बर्थिंग सुइट' बनाए जा रहे हैं। जिसके बाद अब यहाँ विदेशों में जिन तकनीकों से सामान्य प्रसव कराने में सहूलियत मिली, उन तकनीकों से प्रसव कराए जाएँगे। इसके लिए मिडवाइफ एजुकेटर्स की टीम तैयार की गई है, जिन्हें विदेशी ट्रेनर द्वारा ट्रेनिंग दी गई है। बता दें कि एल्गिन हॉस्पिटल में देश के पहले मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट बनने की घोषणा दिसंबर 2020 में हुई थी, तब 4 माह में इसे शुरू करने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना के संक्रमण के चलते काम में देरी हो गई। तीसरी लहर के बाद इंस्टिट्यूट बनाने को लेकर फिर कवायद शुरू हुई। इंस्टिट्यूट बनाने के लिए 1 करोड़ 6 लाख रुपयों का बजट स्वीकृत किया गया है।
नॉर्मल डिलेवरीज को प्रमोट करना लक्ष्य
नाॅर्मल डिलेवरीज को प्रमोट करने इस इंस्टिट्यूट की शुरुआत हो रही है। जिन तकनीकों का फायदा विदेशों में हुआ है, उनका प्रयोग यहाँ देखने मिलेगा।
विदेशों की तर्ज पर सामान्य डिलेवरी कराई जाएगी, जिसके प्रसव के लिए भर्ती महिला को विभिन्न तरह की एक्सरसाइज, वॉकिंग आदि कराई जाती है।
यहाँ पैदल चलने के लिए वॉकिंग जोन, विभिन्न तरह की मशीनें समेत अन्य सुविधाएँ जुटाई जा रही हैं।