जबलपुर: 11 साल का ब्याज के साथ यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को देना होगा क्लेम

कंज्यूमर कोर्ट से पीड़ित पॉलिसीधारक को मिला न्याय

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-30 09:32 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

हार्ट का ऑपरेशन कराने के दौरान यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने अस्पताल में कैशलेस नहीं किया था और बिल सबमिट करने पर बीमा कंपनी ने शुगर व बीपी का हवाला देकर नो क्लेम कर दिया था। बीमित अनिल कुमार श्रीवास्तव निवासी मध्यप्रदेश जबलपुर नेपियर टाउन साकार सनराइज ने कई बार संपर्क किया पर पीड़ित को बीमा कंपनी की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। परेशान होकर बीमित ने कंज्यूमर कोर्ट में केस लगाया था। कंज्यूमर कोर्ट के अध्यक्ष नवीन कुमार सक्सेना, सदस्य सुषमा पटैल, मनोज कुमार मिश्रा के समक्ष अधिवक्ता टीके विश्वकर्मा ने पक्ष रखा कि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी क्रमांक 190900/48/12/41/0000043 से अनिल कुमार का स्वास्थ्य बीमा था और वे लगातार पॉलिसी का संचालन करते आ रहे थे। अक्टूबर 2012 में हार्ट की परेशानी होने के कारण निजी अस्पताल में इलाज कराया था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी को सारे तथ्य दिए गए पर बीमा कंपनी ने शुगर व बीपी का हवाला देकर नो क्लेम कर दिया था, जबकि चिकित्सक ने रिपोर्ट दी थी यह बीमारी शुगर व बीपी के कारण नहीं हुई है उसके बाद भी नहीं माने। कंज्यूमर कोर्ट ने सारे तथ्य सुनने के बाद बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि इलाज दिनांक से ब्याज (11 साल का ब्याज) सहित पॉलिसीधारक को क्लेम का भुगतान किया जाए और बीस-बीस हजार रुपए पृथक-पृथक कंपनी को बीमित को भुगतान करना होगा।

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