भेदभाव खत्म करने के लिए जातीय जनगणना जरूरी: जस्टिस वी. ईश्वरैया
दो दिन के राष्ट्रीय सामाजिक न्याय सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय सम्मेलन में दूसरे दिन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वी. ईश्वरैया ने कहा कि पिछड़ों और दलितों के हक और सम्मान को दिलाने के लिए जातीय जनगणना होनी चाहिए। भेदभाव और अन्याय को खत्म करने के लिए जातीय जनगणना और सभी जातियों का आँकड़ा होना बेहद जरूरी है। सम्मेलन में प्रमुख वक्ता के रूप में आए प्रो. हरि नरके ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा सबके लिए मुफ्त और अनिवार्य होनी चाहिए। सम्मेलन में ओबीसी, एसटी-एससी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात, समानुपातिक प्रतिनिधित्व,निजीकरण का विरोध, ईवीएम पर रोक, कॉलेजियम सिस्टम, लागत के अनुसार कृषि उत्पादन का मूल्य, पुरानी पेंशन योजना लागू करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन रामरतन यादव और डॉ. राजकुमारी बंसल ने किया। सम्मेलन के समापन पर दादा बहादुर सिंह लोधी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बैजनाथ कुशवाहा, रामकुमार पटेल, मूलचंद मौरे, राजकुमार सिंह किरार, इंद्र कुमार पटेल, घनश्याम यादव, सुशीला कनौजिया, नोखेलाल प्रजा व दिलीप पटेल मौजूद रहे।