मतदान के दो दिन पहले तक प्रत्याशियों ने खर्चे किए थे 3 करोड़ 38 लाख
रुपए खर्च करने में कांगे्रस की एकता ठाकुर सबसे आगे, दूसरे स्थान पर भाजपा प्रत्याशी सांसद राके श सिंह
डिजिटल डेस्क जबलपुर। विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान सम्पन्न हो चुका है। चुनाव लड़ रहे सभी 83 प्रत्याशियों ने निर्वाचन व्यय लेखा का ब्यौरा जिला निर्वाचन कार्यालय के एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग सेल के समक्ष मतदान के दो दिन पूर्व प्रस्तुत किया है। इसके अनुसार जिले की आठों विधानसभा के भाजपा और कांग्रेस के 16 प्रमुख प्रत्याशियों ने 3 करोड़ 38 लाख 15 हजार 707 रुपए खर्च किए हैं। इसके बाद का ब्यौरा परिणाम जारी होने के 30 दिनों के अंदर प्रस्तुत किया जाएगा। अभी तक की जानकारी के अनुसार िसहोरा से चुनाव लड़ रही कांग्रेस की एकता ठाकुर ने सबसे अधिक 32 लाख 56 हजार 330 रुपए खर्च िकए। दूसरे नंबर पर पश्चिम विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सांसद राकेश सिंह रहे जिन्होंने 31 लाख 87 हजार 628 रुपए खर्च िकए।
चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों की ओर से चुनाव खर्च का ब्यौरा लगातार दिया जाता रहा है। चूँकि विधानसभा चुनाव में कोई भी प्रत्याशी 40 लाख रुपयों से अधिक खर्च नहीं कर सकता है इसलिए िनर्वाचन आयोग द्वारा इस खर्चे पर कड़ी निगाह रखी जा रही थी। यहाँ तक की पूर्व विधानसभा और पश्चिम को व्यय संवेदनशील विधानसभा माना था और यहाँ कड़ी नजर रखने के निर्देश जारी करते हुए अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती भी की गई थी। चुनाव पर खर्च किए गए रुपयों की बात की जाए तो 40 लाख के हिसाब से 16 प्रत्याशी 6 करोड़ 40 लाख रुपए खर्च कर सकते थे लेकिन इतनी राशि खर्च नहीं की गई। हालाँकि अंतिम ब्यौरा आने तक इंतजार करना होगा लेकिन मतदान के दो दिनों पहले तक दिए गए ब्यौरे के अनुसार 3 करोड़ 38 लाख रुपयों की राशि में बहुत इजाफे की गुंजाइश नहीं है।
इन्होंने खर्च किए इतने रुपए
पाटन
- अजय विश्नोई - 1504855
- नीलेश अवस्थी - 1615767
बरगी
- नीरज िसंह - 1247433
- संजय यादव - 1415184
उत्तर
- अभिलाष पांडे - 2227104
- विनय सक्सेना - 2629642
पनागर
- राजेश पटेल - 2813932
- सुशील तिवारी - 2664189
पूर्व
- अंचल सोनकर - 1619266
- लखन घनघोरिया - 1954560
कैंट
- अभिषेक चौकसे - 914646
- अशोक रोहाणी - 1741391
पश्चिम
- तरुण भनोत - 2426300
- राकेश सिंह - 3187628
सिहोरा
- एकता ठाकुर - 3256330
- संतोष बरकड़े - 2597479
होगी कठोर कार्रवाई
चुनाव खर्च का ब्यौरा न दिए जाने पर निर्वाचन आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है। यहाँ तक की निर्वाचन भी शून्य हो सकता है। यही कारण है िक हर प्रत्याशी इस मामले में पूरी गंभीरता बरत रहा है। निर्दलीय और अन्य राजनीतिक दलों के कुछ प्रत्याशी जरूर इस मामले में ढिलाई बरत रहे हैं लेकिन उन्हें भी नोटिस जारी करने की तैयारी है। अब सभी प्रत्याशियों को बचे हुए िदनों का ब्यौरा 30 जनवरी तक देना होगा।