नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बिल्डिंग माँग रही मेंटेनेंस, कई जगह उखड़ा प्लास्टर, जगह-जगह सीपेज की समस्या
दशकाें से मरीजों को उपचार दे रही बिल्डिंग माँग रही "इलाज''
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संभाग के विभिन्न जिलों से मरीज उपचार के लिए पहुँचते हैं। दशकों से अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में विभिन्न विभाग और वार्ड संचालित किए जा रहे हैं। समय के साथ बिल्डिंग में अपग्रेडेशन के काम भी हुए हैं, लेकिन अब यह भवन "इलाज' माँग रहा है। बिल्डिंग के कई हिस्सों में प्लास्टर उखड़कर गिर रहा है। कई जगह तो सीलिंग से प्लास्टर उखड़ने के चलते सरिया बाहर आ गई हैं। यह दिखाता है कि बिल्डिंग के मेंटेनेंस को लेकर जिम्मेदार कितने लापरवाह हैं। हाल ही में एक वार्ड में फाल्स सीलिंग गिरने की घटना भी सामने आई थी। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग के मेंटेनेंस का जिम्मा पीडब्ल्यूडी के पास है। जब कोई घटना होती है तो प्रबंधन द्वारा पीडब्ल्यूडी से पत्राचार किया जाता है, लेकिन उसके बाद छुटपुट मेंटेनेंस का कार्य कराकर बात खत्म कर दी जाती है। समस्याओं को लेकर पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। बता दें कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग बने लगभग 60 वर्ष हो चुके हैं।
सीपेज बड़ी समस्या
बताया जा रहा है कि पुरानी बिल्डिंग में सीपेज एक बड़ी समस्या है। बारिश के मौसम में तो यह सामने आती ही है। इसके अलावा टाॅयलेट और सीवर लाइन चोक होने के चलते भी सीपेज होता है। अस्पताल के गायनिक विभाग, पीडियाट्रिक विभाग, अधीक्षक कार्यालय के क्षेत्र में, वार्ड नंबर 16 और वार्ड नंबर 17 में प्रमुख रूप से सीपेज देखा जा रहा है। इसके अलावा अन्य विभागों में भी इसे लेकर समस्या है।
डर के साए में मरीज और कर्मचारी
अस्पताल के कई हिस्सों में सीपेज की समस्या के चलते प्लास्टर गिर रहा है। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि मरीज, परिजन और कर्मचारी बाल-बाल बच गए। पुरानी सरिया सीलिंग का प्लास्टर गिरने से बाहर आ गई हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने मेंटेनेंस की सुध अब तक नहीं ली है। इसके चलते मरीज, उनके परिजन, हॉस्पिटल कर्मचारी डर के साए में हैं।
संबंधित अधिकारी को दी जानकारी
अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि भवन का मेंटेनेंस कार्य पीडब्ल्यूडी के पास है। मेंटेनेंस से जुड़े जो भी कार्य हैं, उनकी जानकारी पत्र अथवा दूरभाष के माध्यम से संबंधित अधिकारी को दी गई है। रैंप में भी सुधार के लिए पत्र लिखा था, जिसके बाद अब उसमें सुधार कार्य किया जा रहा है। सीपेज और टाॅयलेट-सीवर रिपेरिंग से जुड़े कार्य भी सैंक्शन हो चुके हैं।