हाई कोर्ट ने कहा: जिला कमेटी के फैसले के विरुद्ध राज्य समिति में करें अपील

  • निजी स्कूलों को झटका, फीस रिफंड को चुनौती देने वालीं याचिकाएँ निरस्त
  • स्कूलों द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तब उन्हें नोटिस जारी किया गया।
  • स्कूल की फीस तय की गई है और बढ़ाई गई फीस वापस करने का निर्देश दिया गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-02 13:09 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने करीब एक दर्जन निजी स्कलों की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिसमें जिला कमेटी द्वारा फीस रिफंड व अन्य मुद्दों पर इनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता स्कूलों के पास राज्य समिति के समक्ष अपील पेश करने का प्रावधान उपलब्ध है, इसलिए अभी इन याचिकाओं में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलॉयशियस स्कूल, स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, ज्ञानगंगा ऑर्चिड्स इंटरनेशनल स्कूल, सेंट जाॅन्स स्कूल दमोह सहित कई स्कूलों ने याचिका दायर कर कहा कि जिला कमेटी की ओर से उनके स्कूल की फीस तय की गई है और बढ़ाई गई फीस वापस करने का निर्देश दिया गया है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जिला कमेटी को यह अधिकार नहीं है कि वह स्कूल की फीस तय करे। यह दलील भी दी गई कि उक्त कार्रवाई के पहले उन्हें सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। वहीं शासन की ओर से उप महाधिवक्ता ब्रम्हदत्त सिंह ने बताया कि मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 की विभिन्न धाराओं में यह प्रावधान है कि स्कूल को पिछले तीन वर्ष का आय-व्यय का ब्यौरे के साथ-साथ यह बताना आवश्यक है कि फीस कितनी बढ़ाई है।

जब स्कूलों द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तब उन्हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाते हुए नियम विरुद्ध बढ़ाई गई फीस वापसी का आदेश जिला कमेटी द्वारा किया गया।

आदेश जारी करने के पहले स्कूलों को सुनवाई का पर्याप्त अवसर भी प्रदान किया गया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता निजी स्कूलों के पास जिला कमेटी के आदेश के खिलाफ राज्य समिति के समक्ष अपील का प्रावधान है।

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