छा जाता है अंधकार: गाेलबाजार में देर रात सारे सिस्टम हो जाते हैं फेल

  • दिल्ली और बेंगलुरु जैसी सुविधाओं का दावा
  • लेकिन हाल-बेहाल, करोड़ों के खर्च पर उठ रहे सवाल
  • यहाँ आए दिन दुर्घटनाएँ हो भी रही हैं और आम नागरिक परेशान हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-06 12:13 GMT

डिजिटल डेेस्क,जबलपुर। गोलबाजार क्षेत्र को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकसित करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए और दावा किया गया था 24 घंटे इस इलाके में बेंगलुरु-दिल्ली जैसी सुविधाएँ रहेंगी।

लेकिन हालात कुछ और गवाही देते हैं। क्षेत्रीय नागरिकों की मानें तो यहाँ पर दिन में तो हालात सामान्य रहते हैं, लेकिन देर रात के बाद सारे सिस्टम फेल हो जाते हैं। मुख्य मार्गों की स्ट्रीट लाइटें अचानक बंद हो जाती हैं और हर तरफ अंधकार छा जाता है।

इस बीच सड़कों पर बैठे मवेशियों की वजह से दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। यहाँ आए दिन दुर्घटनाएँ हो भी रही हैं और आम नागरिक परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि गोलबाजार मार्ग पर करोड़ों रुपए खर्च करके हेरिटेज लाइटें लगाई गई थीं, इनमें से कई लाइटें पिछले एक सप्ताह से पूरी तरह से बंद हैं।

लोगों ने बताया कि ये लाइट्स कभी जलने लगती हैं और कभी भी बंद हो जाती हैं। इसका सिस्टम सही नहीं है।

सुबह के वक्त ज्यादा खतरा

क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि मालवीय चौक से गोलबाजार मार्ग पर एक दर्जन के करीब छोटे-बड़े हाॅस्पिटल हैं और बड़े बैंकों की एक पूरी शृंखला इस मार्ग से लगी हुई।

महत्वपूर्ण व्यापारिक प्रतिष्ठान और पुराने बंगलों के साथ मालवीय चौक से गोलबाजार तक बड़ी संख्या में मार्निंग वाॅक करने वाले सुबह 4 बजे से पहुँचना शुरू हो जाते हैं लेकिन अँधेरा होने के कारण यहाँ चोरी, लूट और एक्सीडेंट का खतरा हमेशा बना रहता है।

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