जबलपुर: जिला अस्पताल में 44.78 करोड़ की लागत से बनना है 6 फ्लोर का नया भवन
- जल्द टूटेंगे जीजी वार्ड व किचन समेत अन्य पुराने भवन
- सीटी स्कैन सेंटर पर फँसा पेंच, बढ़ेंगे 225 बेड
- ठेका कंपनी ने शिफ्टिंग के बदले भुगतान की माँग रखी है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जिला अस्पताल विक्टोरिया के विस्तार के लिए 44.78 करोड़ रुपयों की लागत से बनने वाले नए भवन का कार्य अब जल्द ही शुरू हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए भवन के निर्माण की दोबारा हुई टेंडर प्रकिया पूरी हो चुकी है, जिसके बाद अब नए साल में अस्पताल के विस्तार का कार्य शुरू हो सकेगा। बता दें कि इसके पूर्व एक बार टेंडर निरस्त हो चुका है, जिसके चलते प्राेजेक्ट में देरी हुई। पीआईयू द्वारा नए सिरे सें टेंडर प्रक्रिया कराई गई है। जिन विभागों और भवनों को खाली किया जाना है, उन्हें नोटिस दिए जा चुके हैं, वहीं कुछ शिफ्ट हो गए हैं। हालांकि सीटी स्कैन सेंटर की शिफ्टिंग को लेकर पेंच फँस गया है। सीटी स्कैन सेंटर चला रही ठेका कंपनी ने शिफ्टिंग के बदले भुगतान की माँग रखी है, जिसके बाद प्रबंधन ने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। बता दें कि नया भवन बनने के बाद अस्पताल की क्षमता 275 बिस्तरों से बढ़कर 500 बिस्तरों की हाे जाएगी।
शिफ्टिंग की प्लानिंग
जीजी वार्ड- पुराने टीबी वार्ड में शिफ्ट हो गया है।
किचन- किचन और सुदामा थाली की व्यवस्था पेइंग वार्ड में शुरू हो गई है।
मर्चुरी - ऑक्सीजन प्लांट के पास शिफ्ट हुई।
बायोमेडिकल वेस्ट- ऑक्सीजन प्लांट के पास शिफ्ट हुआ।
कार्यालय- पीडियाट्रिक वार्ड के ऊपर जगह चिन्हित।
सर्वेंट क्वाॅर्टर - नए क्वाॅर्टर में शिफ्ट हुए।
एनआरसी और सीटी स्कैन को लेकर संशय
जानकारी के अनुसार कुछ माह पूर्व हुई रोगी कल्याण समिति की बैठक में एनआरसी को मनमोहन नगर अस्पताल में शिफ्ट करने पर निर्णय हुआ था, लेकिन बाद में जिला अस्पताल में ही रखे जाने की बात कही गई, जगह अभी तय नहीं हुई है। प्रबंधन का कहना है कि एल्गिन अस्पताल में एनआरसी शिफ्ट किए जाने को लेकर चर्चा हुई है, वहीं राँझी अस्पताल भी विकल्प है।
सीटी स्कैन की बिल्डिंग हटाने को लेकर अधिकारियों ने भाेपाल का दरवाजा खटखटाया है। इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। जानकारी के अनुसार टीबी वार्ड की नई बिल्डिंग सेंटर के लिए 3 कमरे दिए गए हैं, लेकिन शिफ्टिंग का खर्च देने की माँग ठेका कंपनी ने रखी है।
सीटी स्कैन की शिफ्टिंग के लिए संबंधित कंपनी ने 38 लाख रुपयों का खर्च बताया है, जिसकी जानकारी शासन को दी गई है। वहीं नई बिल्डिंग के लिए पुराने भवनों को तोड़ने का काम शीघ्र ही चालू होगा। पुराने भवन को तोड़ने और नए भवन के लिए टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है।
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा, सिविल सर्जन