जबलपुर: पाँच नर्सिंग काॅलेजों की जाँच करने वाले 8 अधिकारी फँसे, नोटिस जारी
- सात दिन के अंदर देना होगा स्पष्टीकरण
- पाँच नर्सिंग कॉलेजों की जाँच करने वाले आठ अधिकारी जाँच के दायरे में आ गए हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नर्सिंग कॉलेजों की जाँच में सीबीआई इंस्पेक्टर्स द्वारा रिश्वत लिए जाने का मामला सामने आने के बाद फिर से शुरू हुई नर्सिंग कॉलेजों की जाँच अब जाँच करने वाले अधिकारियों तक पहुँच गई है।
पाँच नर्सिंग कॉलेजों की जाँच करने वाले आठ अधिकारी जाँच के दायरे में आ गए हैं। इन्होंने नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण करने के बाद इन्हें उपयुक्त बताया था। इन्हें लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने कहा गया है। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण पिथोड़े की ओर से जारी आदेश में प्रोफेसरों पर निजी नर्सिंग कॉलेज के पक्ष में गलत जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप है।
मेडिकल काॅलेज जबलपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. मनीष नागेंद्र और काॅलेज से सम्बद्ध नर्सिंग काॅलेज की ट्यूटर आरती तिवारी ने मंडला जिले और प्रोफेसर डाॅ. एनएल अग्रवाल एवं नर्सिंग काॅलेज की प्राचार्य स्टेला पीटर ने मुरैना जिले के एक-एक नर्सिंग कॉलेज की जाँच की थी।
इसके साथ ही मेडिकल काॅलेज की डाॅ. वंदना पुनासे और नर्सिंग काॅलेज की सिस्टर ट्यूटर इस्टर शिबा ने वर्ष 2022-23 में भोपाल के साईं आसरा काॅलेज ऑफ नर्सिंग का निरीक्षण किया था।
इसी प्रकार मेडिकल के नर्सिंग कॉलेज की अर्चना पीटर और एल्गिन से जुड़े रानी दुर्गावती नर्सिंग काॅलेज की शीला ग्रेस ने मिलकर वर्ष 2021-22 में शहडोल स्थित पंचशील इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग और शारदा देवी नर्सिंग काॅलेज की जाँच की थी। तीनों काॅलेजों को संबंधितों ने जाँच में मान्यता के लिए उपयुक्त बताया था।