जबलपुर: शहर की एयर क्वालिटी सुधारने इस साल फिर मिलेंगे 30 करोड़
- तीन सालों में केन्द्र सरकार 113 करोड़ दे चुकी है
- नीति आयोग की सिफारिश पर प्रगति रिपोर्ट के आधार पर मिलेगा नया बजट
- जबलपुर देश के उन 28 शहरों में शामिल है जहाँ की एयर क्वालिटी बीते सालों में बिगड़ी है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर की वायु की गुणवत्ता सुधारने के साथ पाॅल्यूशन का स्तर कंट्रोल करने के लिए केन्द्र सरकार बीते 3 सालों से नगर निगम को बजट मुहैया करा रहा है। नीति आयोग की सिफारिश पर यह बजट दिया जा रहा है जिसमें अभी तक तीन सालों में पहले साल 60 फिर 30 इसके बाद 23, इस तरह कुल 113 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।
वर्ष 2024 में फिर केन्द्र नगर निगम को 30 करोड़ रुपए शहर में पाॅल्यूशन का स्तर बेहतर बनाने के लिए देगा। इसको लेकर संभाग स्तर पर समीक्षा की जाएगी और जो रपट नगर निगम प्रस्तुत करेगा उसी के आधार पर पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भोपाल, दिल्ली तक रपट भेजेगा। इसको लेकर 6 फरवरी को एक बैठक का आयोजन भी किया जायगा।
नगर निगम को केन्द्र सरकार बजट उपलब्ध करा रहा है, उससे वाटिका बनाने के साथ सड़क किनारे पेवर ब्लॉक लगाने से लेकर निगम अन्य तरह के वर्क कर रहा है। इस वर्क में बस यही विशेष बात है कि इसकी क्वालिटी पर पूरा शहर सवाल उठा रहा है।
जो पेवर ब्लॉक इस बजट से अभी तक लगे हैं वे धूल में मिल चुके हैं और वाटिका जो बनी हैं उनकी क्वालिटी भी किसी से छिपी नहीं है।
6 फरवरी को मीटिंग में बताया जाएगा नगर निगम ने इस पैसों का क्या किया
उन शहरों में शामिल जहाँ एयर क्वालिटी बिगड़ी है
जबलपुर देश के उन 28 शहरों में शामिल है जहाँ की एयर क्वालिटी बीते सालों में बिगड़ी है। इसी बिगड़ी एयर क्वालिटी को सुधारने के लिए केन्द्र सरकार पाँच सालों तक बजट मुहैया करा रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार बढ़ती आबादी के साथ वायु की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
एयर क्वालिटी को सुधारने के लिए कवायद प्रारंभ हुई है। इसमें लगातार शहरों पर नजर रखी जा रही है।
अब 4 जगह की जा रही माॅनिटरिंग
शहर में पहले मालवीय चौक में डिजिटल मॉनिटर लगाकर एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया जा रहा था। अब रामपुर, अधारताल और सिविल लाइन में भी डिजिटल माॅनिटर से एक्यूआई लिया जा रहा है।
पहले एक ही हिस्से में वायु की गुणवत्ता पता चल रही थी लेकिन अब शहर के चारों हिस्से से आँकड़े सामने आने के बाद मौलिक आँकड़ा सामने आ रहा है। पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आलोक जैन कहते हैं कि फिलहाल एक्यूआई का आँकड़ा मध्यम है। इसमें कुछ समय से सुधार हुआ है। अब सभी हिस्सों से वायु की गुणवत्ता सामने आ रही है।