जबलपुर: सर्वे में मिले 22 डायरिया पीड़ित, 2 मरीज अस्पताल में भर्ती
- एक्शन में स्वास्थ्य विभाग टीम
- पाटन के पौड़ी कलां ग्राम में संक्रामक बीमारियाें का प्रकोप सामने आने के बाद 84 घरों का सर्वे
- मेडिकल कॉलेज की टीम ने की सैम्पलिंग, पानी के भी लिए नमूने
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। उल्टी-दस्त समेत अन्य संक्रामक बीमारियों का प्रकोप सामने आने के बाद से पाटन विकासखंड के पौड़ी कलां गाँव में स्वास्थ्य विभाग की टीम डेरा डाले हुए है। ओपीडी के अलावा सोमवार को टीम ने गाँव में 84 घरों का सर्वे किया, जिसमें 22 डायरिया पीड़ित मिले।
इनमें से 2 मरीजों को सिविल अस्पताल पाटन में भर्ती किया गया। विभाग की सर्वे टीम ने गाँव में क्लाेरीन की गोलियों के साथ ओआरएस और जिंक टेबलेट वितरित की। इसके अलावा नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से भी गई एक टीम ने सर्वे किया और दूषित पानी से होनी वाली मौतों की विस्तार पूर्वक विवेचना की।
चिकित्सकों ने 5 जगहों से स्टूल सैम्पल लिया और बीमार हुए लोगों के ब्लड सैम्पल भी जाँच के लिए कलेक्ट किए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने भी 15 जगहों से पानी का सैम्पल लिया है। ग्रामीणों ने एक दिन पूर्व आरोप लगाया था कि नल-जल योजना से प्रदूषित पानी घर-घर तक पहुँच रहा है, जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की जाँच में 4 मौतें होने की जानकारी भी सामने आई है। सीएमएचओ डाॅ. संजय मिश्रा सोमवार को ग्राम पौड़ीकलां पहुँचे और बीएमओ पाटन डॉ. आदर्श विश्नोई द्वारा किए गए कार्यो की समीक्षा की। डीएचओ डॉ. विनीता उप्पल और श्रेया अवस्थी भी इस माैके पर मौजूद रहे।
मिठाई से फैली बीमारी, लिया सैम्पल
जाँच टीम से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सर्वे के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ दिनों पूर्व एक कार्यक्रम के दौरान मिष्ठान्न का वितरण हुआ था। जिसमें गाँव के लोग शामिल हुए थे। इस दौरान परोसी गई मिठाई में गड़बड़ी को लेकर लोगों ने शिकायत की थी।
यह मिठाई नजदीकी गाँव पिपरिया के एक विक्रेता से खरीदी गई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विक्रेता खोवीलाल के घर पहुँचकर खोवे का सैम्पल लिया और जाँच के लिए लैब भेजा।
आस-पास के गाँव भी पहुँची सर्वे टीम
जानकारी के अनुसार सर्वे टीम नजदीकी गाँवों पौड़ीखुर्द, मढ़वा, पिपरिया, हरदुआ में भी पहुँची और 243 घरों का सर्वे किया। जाँच में उल्टी-दस्त के मरीज नहीं मिले। पौड़ी कलां मंे मच्छरों पर लगाम लगाने के लिए लार्वा विनष्टीकरण अभियान भी चलाया गया और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया। ग्रामीणों को दूषित पानी के प्रति जागरूक भी किया गया।