शहर में जल्द ही शुरू होंगे 2 और संजीवनी क्लीनिक सितंबर तक सभी वार्डों में चालू करने का है टारगेट
2 वार्डों में बनकर तैयार, वहीं पहले से चल रहे 33 स्वास्थ्य केंद्रों का होगा उन्नयन
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
शहर में प्राथमिक स्तर से स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए संजीवनी क्लीनिक बनाए जा रहे हैं। शासन की योजना प्रत्येक वार्ड में एक क्लीनिक शुरू करने की है, ऐसे में जहाँ 43 नए संजीवनी क्लीनिक बनाए जा रहे हैं, वहीं पहले से मौजूद 33 स्वास्थ्य केंद्रों की रि-ब्रैंडिंग कर उन्हें संजीवनी में कन्वर्ट किया जाएगा। वहीं 3 क्लीनिक रूरल एरिया में होंगे। यानी कुल मिलाकर 79 संजीवनी क्लीनिक बनाए जाने हैं। यह काम नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग मिलकर कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार सितंबर तक सभी 79 क्लीनिक्स को शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो रांझी और गुप्तेश्वर में 2 क्लीनिक बनकर शुरू हो चुके हैं, वहीं 2 और क्लीनिक बनकर तैयार हैं, जिन्हें कुछ दिनों में शुरू कर दिया जाएगा। संजीवनी क्लीनिक में कई प्रकार की जाँचें व दवाएँ निःशुल्क उपलब्ध रहेंगी।
एक क्लीनिक के लिए 25 लाख रुपये
जानकारी के अनुसार नई संस्थाओं के निर्माण के लिए भूमि चयन, भवन निर्माण का कार्य नगर निगम द्वारा कराया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ स्थानों पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रत्येक संस्था के उन्नयन अथवा निर्माण के लिए 25 लाख की राशि प्रदान की जानी है, जो कि नगर निगम द्वारा खर्च की जाएगी, वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्लीनिक्स का संचालन किया जाएगा। प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएँ बढ़ने का सीधा लाभ आमजनों काे मिलेगा।
स्वास्थ्य विभाग करेगा संचालन
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि जिन वार्डों में पहले से शासकीय भवन उपलब्ध हैं, वहाँ क्लीनिक बनाई जाएगी। जहाँ शासकीय भवन नहीं हैं, वहाँ जमीन चिन्हित कर नया भवन बनाया जाएगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का कार्य नगर निगम का है। क्लीनिकों में चिकित्सक, स्टाफ एवं अन्य सुविधाओं का संचालन स्वास्थ्य विभाग करेगा। अब तक गणेश गंज रांझी और कैलाशपुरी गुप्तेश्वर में क्लीनिक की शुरुआत हो गई है, वहीं चंचलबाई कॉलेज के पास और हड्डी गोदाम क्षेत्र में क्लीनिक बनकर तैयार हैं, जिन्हें जल्द ही शुरू किया जाएगा।
मिलेंगी ये सुविधाएँ
संजीवनी क्लीनिक में मेडिकल ऑफीसर, नर्स, टेक्निकल टीम, ड्रेसर, वार्ड बॉय सहित 11 लोगों का स्टाफ तैनात रहेगा। वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो पंजीयन केंद्र, वेटिंग एरिया, परामर्श कक्ष, पैथोलॉजी कलेक्शन सेंटर, दवा वितरण कक्ष, भंडारण कक्ष, टीकाकरण कक्ष, ड्रेसिंग कक्ष, डॉक्टर कक्ष, स्टाफ कक्ष व शौचालय बनाया जाएगा।