गोंदिया: खतरे में मरीजों की जान, मेडिकल अस्पताल में वेंटिलेटर और बेड की कमी
- वेंटिलेटर और बेड की कमी
- मेडिकल अस्पताल के हाल
- खतरे में मरीजों की जान
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। मेडिकल कालेज को शुरू होने 7 वर्ष से अधिक का समय बीत गया है इसके बावजूद भी वेंटिलेटर के जरूरतमंद मरीजों का गोंदिया मेिडकल कालेज से रेफर टू नागपुर का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार 9 अक्टूबर को एक 17 वर्षीय किशोर दुर्घटना में गंभीर घायल हो गया। जिसे वेंटिलेटर की आवश्यकता थी। लेकिन वेंटिलेटर बेड की कमी के चलते उसे नागपुर रेफर करने की सलाह दी गई। लेकिन फिर से परिजनों ने उसे निजी अस्प्ताल में प्राथमिक उपचार कर मनसे के सहयोग से मेडिकल कालेज में ही भर्ती किया है। इस तरह से वेंटिलेटर बेड के अभाव में मरीजो की जान खतरे में आ रही है।
मेडिकल कालेज में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में दुर्घटना, गंभीर बीमारी से पीड़ित तथा विभिन्न बीमारियों का उपचार कराने के लिए मरीजों को भर्ती किया जाता है। जिसमें से अनेक मरीजो को वेंटिलेटर के उपचार की आवश्यकता होती है लेकिन गोंदिया मेडिकल कालेज में वेंटिलेटर के मात्र 6 बेड ही उपलब्ध होने से मजबूरन मरीजों को नागपुर रेफर करना पड़ रहा है। जिससे मरीजों को समय पर वेंटिलेटर नहीं मिलने से उनकी जान खतरे में आ जाती है। इसी तरह का एक मामला सोमवार 9 अक्टूबर को देखने को मिला। गाेरेगांव तहसील के ग्राम पिंडकेपार निवासी उमेंद्र देवीलाल कटरे (17) यह बालक दुर्घटना मंे गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसे उपचार के लिए गोंदिया मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया तो उसे कार्यरत डाक्टरो ने वेंटिलेटर के बेड खाली नहीं होने से नागपुर रेफर करने की सलाह दी। जिस कारण परिजनों ने शहर के एक निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराकर फिर से मेडिकल कालेज में भर्ती करने का प्रयास किया लेकिन डाक्टरों ने भर्ती लेने से साफ इन्कार कर दिया।
मनसे ने स्वास्थ्य अधिकारियों को लिया आड़े हाथ
दुर्घटनाग्रस्त उमेंद्र देवीलाल कटरे को जब फिर से मेडिकल कालेज में भर्ती कराने के लिए उनके परिजनो ने लाया तो कार्यरत डाक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया। जब इसकी जानकारी मनसे के जिला संगठक रितेश गर्ग को मिली तो उन्होंने अपनी स्टाइल से स्वास्थ्य अधिकारियों को आड़े हाथ लेकर खरीखोटी सुनाई। तब कहीं डाक्टरों ने उपरोक्त पीड़ित बालक को भर्ती कर उपचार शुरू किया। पीड़ित के परिजनों ने मनसे का आभार माना।
अतिदक्षता कक्ष में 6 बेड उपलब्ध
के.एस.घोरपड़े, अधिष्ठाता, जीएमसी के मुताबिक अतिदक्षता कक्ष में जरूरतमंद मरीजों पर उपचार किया जाता है। गांेदिया मेडिकल कालेज में 6 बेड उपलब्ध हंै। जहां पर जरूरतमंद मरीजों को वेंटिलेटर लगाकर उपचार किया जाता है।