Chhindwara News: कन्हान जंगलों से लगे आधा दर्जन गांवों में बाघ का मूवमेंट, रहवासी क्षेत्रों में मवेशी का शिकार, किसानों ने खेत में जाना किया बंद

कन्हान जंगलों से लगे आधा दर्जन गांवों में बाघ का मूवमेंट, रहवासी क्षेत्रों में मवेशी का शिकार, किसानों ने खेत में जाना किया बंद
  • खैरी सहित अन्य गांवों के हाल
  • वन अधिकारी का कहना कर रहे गश्ती
  • ग्रामीणों में आक्रोश

Chhindwara News: दक्षिण वनमंडल के अंतर्गत आने वाले कन्हान जंगलों से लगे आधा दर्जन से ज्यादा गांव जो कि पेंच पार्क की सीमा से जुड़े हुए है इनमें बाघिन के मूवमेंट से लोग दहशत में है। ग्रामीणों की माने तो पिछले दो माह से भी ज्यादा समय से बाघ इन गांवों के आसपास है और कई बार रहवासी क्षेत्रों में पहुंचकर मवेशी का शिकार किया है। बाघ के इस क्षेत्र में रहने से इन क्षेत्रों के ग्रामीणों ने खेत मेें जाना बंद कर दिया है। खैरीखु्रर्द सहित अन्य गांवों में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि 15 मार्च को भी बाघ ने मवेशी का शिकार किया था। लगातार हो रहे इन हमलों से ग्रामीणों में रोष है जबकि वन विभाग के अधिकारी लगातार गश्ती का दावा कर रहे है।

पेंच से लगे हुए हैं गांव

वन अधिकारियों ने बताया कि जिन गांवों के आसपास बाघ का मूवमेंट है वह महाराष्ट्र पेंच पार्क और एमपी पेंच पार्क से लगे हुए क्षेत्र है। इनमें से कुछ क्षेत्र बफर जोन से भी लगा हुआ है और कुछ हिस्सा इसमें आता भी है। पिछले कुछ माह से सौंसर के कन्हान रेंज सहित पेंच पार्क से लगे इन गांवों में लगातार बाघ का मूवमेंट है जबकि दावा किया जा रहा है कि बाघ महाराष्ट्र पेंच पार्क का है जहां इन क्षेत्रों में बाघ ने अपनी टैरिटरी बना ली है।

इन गांवों में बाघ का रहता है मूवमेंट : सुसुरडोह, चंद्रिकापुर पंचायत, आमटी, पिलकापार, घोराड़ पंचायत, खैरी खुर्द, सावचपानी पंचायत, कुण्डई, बिसनपुर, सांवरी पंचायत, देवरी, चिरेवानी पंचायत, थुयेपानी, मोहगांव में बाघ का मूवमेंट बना हुआ है।

खैरीखुर्द में किया मवेशी का शिकार : बाघ ने १५ मार्च को खैरी खुद में मवेशी का शिकार किया था। यहां तकरीबन रात आठ बजे के आसपास बाघ ने कोठे में बंधी हुए मवेशी का शिकार किया था। बताया जा रहा है कि आए दिन इस प्रकार की घटनाएं होती है।

इनका कहना है

बफर जोन से लगे हुए आधा दर्जन से ज्यादा गांव है जहां पिछले दो माह से बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। एक माह पहले एक व्यक्ति को बाघ ने मारा था। इसके बाद कुंडई में भी बाघ ने दो मवेशियों का शिकार किया था। पिछले दो माह से ज्यादा पेरशानी है बाघ की दहशत के कारण खेतों मेें जाने से डर लगता है। वन विभाग की टीम आती है और चली जाती है लेकिन बाघ को पकडऩे के लिए पिंजरा तक नहीं लगाया है। जंगली जानवरों का रहवासी क्षेत्रों में इस प्रकार आने से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।

- सिराज उद्दीन सैयद, ग्रामीण, खैरी खुर्द

हमारी टीम को सूचना मिलने के बाद लगातार टीम मौके पर पहुंच रही है। रात को टीम ने गश्ती जारी रखा है चंद्रिकापुर में हमने पिंजरा लगाया है। महाराष्ट्र पेंच पार्क की सीमा और एमपी पेंच पार्क की सीमा होने के कारण यहां बार मूवमेंट रहता है। लगातार ग्रामीणों को भी समझाईश दी जा रही है।

- दीपक तिरपुड़े, रेंजर, सौंसर

Created On :   19 March 2025 2:47 AM IST

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