नामीबिया से भारत लाए जा रहे चीतों के लिए बोईंग 747 प्लेन में किए गए ये खास बदलाव, इस खातिरदारी के साथ 16 घंटे लंबा सफर तय कर जयपुर पहुंचेंगे 8 चीते

The modified aircraft in which cheetahs will be brought from Namibia, has many facilities, know what is special in it
नामीबिया से भारत लाए जा रहे चीतों के लिए बोईंग 747 प्लेन में किए गए ये खास बदलाव, इस खातिरदारी के साथ 16 घंटे लंबा सफर तय कर जयपुर पहुंचेंगे 8 चीते
चीतों के स्वागत की तैयारी नामीबिया से भारत लाए जा रहे चीतों के लिए बोईंग 747 प्लेन में किए गए ये खास बदलाव, इस खातिरदारी के साथ 16 घंटे लंबा सफर तय कर जयपुर पहुंचेंगे 8 चीते

डिजिटल डेस्क, भोपाल।  मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोग नामीबिया से लाए जा रहे चीतों को देखने का इंतजार कर रहे है। लोगों का इंतजार 17 सितंबर को पूरा होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में इन चीतों को पिंजरों से आजाद करेंगे। लेकिन चीतों के दीदार से पहले सरकार ने नामीबिया से चीतों को लाने के लिए एक विशेष विमान तैयार कराया है। जिस में उन 8 चीतों को लाया जाएगा। चीतों को लाने वाले इस प्लेन को खास लुक भी दिया गया है। प्लेन को इस तरह से पेंट किया गया है कि वो खुद एक चीते की तरह नजर आ रहा है। जो हवा में उड़ान भरता हुआ नामीबिया से भारत तक का सफर तय करेगा। प्लेन पर बना चीता ही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। विमान सबसे पहले 17 सितंबर को जयपुर आएगा। इसके बाद इन चीतों को हेलिकॉप्टर के जरिए मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाया जाएगा। 

विमान की खासियत

जिस विमान में चीतों को नामीबिया से भारत लाया जाएगा उसमें कई ऐसी सुविधाएं और डिजाइन विशेष रूप से चीतों को लाने के लिए तैयार की गईं हैं। बोईंग 747 जंबोजेट में  पिजंरों को रखने की विशेष व्यवस्था की गई है। बताया जा रहा है कि विमान में पिंजरों को रखने के लिए विशेष हिस्से भी होंगे। वहीं इस विमान में एक्सपर्ट और डॉक्टर इनकी देखभाल करते रहेंगे। यह विमान एक अल्ट्रा लॉंग रेंज का विशेष विमान है जो लगातार 16 घंटो की यात्रा कर सकता है।  विमान नामीबिया से भारत बिना कहीं रूके या बिना दोबारा तेल भरे यात्रा को पूरी करेगा और जयपुर में चीतों को उतारने के बाद ही दम लेगा।  प्रोजेक्ट चीता को अंजाम देने वाला ये खास प्लेन एक ही रात में ये सफर पूरा करेगा।

विशेष टीम का गठन

बताया जा रहा है  इस मिशन की देखरेख के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इस टीम में भारत और नामीबिया के एक्सपर्ट शामिल हैं। नामीबिया में भारत सरकार के राजदूत प्रशांत अग्रवाल, प्रोजेक्ट चीता के मुख्य वैज्ञानिक डॉ.झाला यादवेंद्र देव, पर्यावरण मंत्रालय से डॉ. सनत कृष्णा  मूलिया, वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट से कस्टम अधिकारी अनीश गुप्ता हैं। वहीं, इस टीम में नामीबिया की ओर से सीसीएफ के फाउंडर डॉ. लोरी मारकर, चीता स्पेशलिस्ट मानें जाने वाले एली वॉकर, डाटा मैनेजर बार्थेलामी आरसीसीएफ में अधिकारी डॉ. एना बेस्टो शामिल हैं। 
 

Created On :   15 Sept 2022 2:27 PM GMT

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