रैपिडो बाइक टैक्सी सेवा पर बैन लगाने के खिलाफ याचिका, कोर्ट का विचार करने से इंकार
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा रैपिडो बाइक टैक्सी सेवा पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया। हालांकि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार की ओर से 19 जनवरी 2013 जारी अधिसूचना के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में जाने की अनुमति दे दी है। रोपण ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अपनी दलील में कहा कि बाइक टैक्सी एग्रीगेटर लाइसेंस देने के लिए सरकार ने जो शर्ते रखी है, वह हासिल करना असंभव है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में दोपहिया वाहनों के लिए कोई योजना नहीं है, इसलिए याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया गया है। केंद्रीय नीति कहती है कि हर राज्य के पास एक नीति होनी चाहिए और कोई नीति न होने के लिए उचित कारण होना चाहिए। इसलिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाना गैरकानूनी है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम यह नहीं कहते हैं कि हमारे पास कोई योजना नहीं है। हम कह रहे हैं कि सुरक्षा, यातायात संबंधी नियमों के लिए हम जांच कर रहे हैं कि दुपहिया वाहन हों या नहीं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के अधिसूचना के खिलाफ हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। कहा कि हाईकोर्ट पिछले आदेश पर विचार किए बिना चुनौती पर विचार करेगा। गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंपनी को दोपहिया बाइक टैक्सी एग्रीगेटर लाइसेंस देने से राज्य सरकार के इंकार के खिलाफ रैपिडो द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
Created On :   7 Feb 2023 7:45 PM IST