‘कोंडानार’ ब्रांड के नाम से आदिवासी महिलाएं करती हैं कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण और विपणन

Adivasi women manufacture and market agricultural food products under the brand name Kondanar
‘कोंडानार’ ब्रांड के नाम से आदिवासी महिलाएं करती हैं कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण और विपणन
छत्तीसगढ़ ‘कोंडानार’ ब्रांड के नाम से आदिवासी महिलाएं करती हैं कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण और विपणन
हाईलाइट
  • महिला उद्यमिता को बढ़ावा

फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य पर केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं को किया सम्मानित 

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की आदिवासी महिलाओं को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है।  कृषि खाद्य उत्पादों के निर्माण और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई के राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने यह अवार्ड प्रदान किया। 
एमएसएमई मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी- इनवेस्टमेंट एंड बिजनेस समिट कम अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां यह सम्मान महिला समूह की ओर से कलसल्टेंट सिद्धार्थ पांडेय ने ग्रहण किया।
    आदिवासी बहुल कोंडगांव जिले की महिलाओं ने उड़ान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है। ये कंपनी कोंडानार ब्रांड के नाम से कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण करती है और बेचती है। इस कंपनी में 10 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर हैं। इसमें 30 से ज्यादा महिला स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं, जो अचार, चटनी, मिल्क शेक, कुकीज़, तीखुर, नारियल तेल सहित 30 से ज्यादा खाद्य सामग्री बनाने का काम करते हैं। कोंडगांव के कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने बताया कि इस कंपनी से 200 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं को नियमित रोजगार सुनिश्चित हो गया है। यहाँ काम कर रही महिलाओं को हर महीने कम से कम 7500 रुपये वेतन मिलता है। उन्होंने बताया कि कोंडानार देश के साथ ही दुनिया में भी ब्रांड बन रहा है। दुबई एक्स्पो में भी कोंडगांव उड़ान के प्रोडक्टस को वर्चुयल प्लेटफॉर्म पर रखा गया था। अनेक देशों के लोगों ने प्रोडक्टस की जानकारी चाही।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं को अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि यहाँ की आदिवासी महिलाओं ने सोशल इंटरप्रेन्योर बन कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके समर्पण और लगन से पारंपरिक स्वाद को नई पहचान मिल गयी है। 

राहुल गांधी को भी पसंद आया था स्वाद 

पिछले महीने रायपुर दौरे पर गए सांसद राहुल गांधी ने भी महिलाओं द्वारा बनाए गए कोंडानार खाद्य सामग्री का स्वाद लिया था, जिसमें उन्होंने तीखुर मिल्कशेक की काफी प्रशंसा की थी।

Created On :   21 March 2022 10:57 AM GMT

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