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Maharashtra Medical Council: महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने Know Your Doctor प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, नकली डॉक्टरों पर लगेगा अंकुश

मुंबई: महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (MMC), मुंबई ने फर्जी डॉक्टरों की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए 'Know Your Doctor' (KYD) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इस पहल का उद्देश्य मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिससे वे QR कोड के माध्यम से किसी डॉक्टर की प्रमाणिकता को वास्तविक समय में जांच सकें।
नकली डॉक्टरों की समस्या पर रोक
MMC के एडमिनिस्ट्रेटर Dr. Vinky Rughwani ने इस पहल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "हमें फर्जी या अयोग्य डॉक्टरों द्वारा मरीजों के इलाज की कई शिकायतें मिलती हैं। दुर्भाग्य से, मरीजों को इसका पता तब चलता है जब वे गलत ट्रीटमेंट के दुष्प्रभावों का शिकार हो जाते हैं। चूंकि नुकसान होने के बाद कार्रवाई करना हमेशा संभव नहीं होता, इसलिए हमने यह प्लेटफॉर्म लॉन्च करने का निर्णय लिया, जहां मरीज पहले से ही डॉक्टर की योग्यता सत्यापित कर सकते हैं।"
हालांकि एक एंटी-क्वैकरी समिति मौजूद है, फिर भी नकली मेडिकल प्रैक्टिशनर्स खासकर ग्रामीण और कमजोर क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
MMC लगातार ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर रहा है और उन्हें अपने रजिस्टर से हटा रहा है, लेकिन यह समस्या बनी हुई है।
KYD प्लेटफॉर्म इस खतरे को खत्म करने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।
KYD का परिचय
Instic Technologies Pvt. Ltd. के सहयोग से विकसित यह प्लेटफॉर्म स्वास्थ्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मरीजों को यह पुष्टि करने में मदद करेगा कि वे एक पंजीकृत चिकित्सा प्रोफेशनल से परामर्श कर रहे हैं या नहीं। मरीज केवल क्लीनिक और अस्पतालों में प्रदर्शित QR कोड को स्कैन करके डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर, डिग्री और विशेषज्ञता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
KYD प्लेटफॉर्म एक ऑनलाइन पोर्टल के रूप में कार्य करता है, जहां मरीज ट्रीटमेंट से पहले डॉक्टर की प्रमाणिकता जांच सकते हैं। पंजीकृत डॉक्टर पोर्टल पर जाकर अपने मेडिकल रजिस्ट्रेशन ID से साइन अप कर सकते हैं। OTP वेरिफिकेशन के बाद, उन्हें एक QR कोड-आधारित KYD कार्ड ऑर्डर कर प्राप्त करना होगा, जिसे उनके क्लीनिक या अस्पताल में प्रदर्शित करना आवश्यक होगा।
एक बार व्यापक रूप से लागू होने के बाद, यह सिस्टम मरीजों को QR कोड को स्कैन करने और डॉक्टर की सत्यापित जानकारी तुरंत प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा। जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, वे डॉक्टर के नाम को KYD वेबसाइट पर दर्ज करके भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
लोकायुक्त की भूमिका और सरकार की पहल
नकली डॉक्टरों के बढ़ते मामलों पर महाराष्ट्र के लोकायुक्त जस्टिस वी. एम. कनाडे ने 2021 में कड़ा रुख अपनाया था। उन्होंने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से रिपोर्ट मांगी और महाराष्ट्र होम्योपैथी काउंसिल ने 180 से अधिक फर्जी डॉक्टरों को अपने रजिस्टर से हटा दिया था। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि कई डॉक्टर बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री के प्रैक्टिस कर रहे थे, जिससे मरीजों की जान को खतरा था।
महाराष्ट्र में फर्जी डॉक्टरों के प्रमुख मामले
● डॉ. सागर दुधाने (ठाणे): 2022 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। वह बिना किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री के प्रैक्टिस कर रहा था।
● डॉ. जितेंद्र यादव (मुंबई): नकली मेडिकल डिग्री के आधार पर एक निजी क्लीनिक चला रहा था। 2021 में कार्रवाई की गई।
● डॉ. समीर शेख (नवी मुंबई): 2020 में बिना किसी लाइसेंस के मरीजों का इलाज करते पकड़ा गया था।
● डॉ. अरुण कुमार (पुणे): फर्जी डिग्री पर एलोपैथी दवाइयां लिखने के कारण 2019 में गिरफ्तार हुआ।
पुणे में भी एक ऐसे डॉक्टर को पकड़ा गया था, जो बिना उचित योग्यता के एलोपैथी दवाइयां दे रहा था। इस मामले ने दिखाया कि कैसे नकली डॉक्टर छोटे-मोटे इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे थे।
सुरक्षित हेल्थकेयर सिस्टम की ओर कदम
MMC ने एक अधिसूचना जारी कर सभी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMPs) से इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने क्लीनिक में QR कोड प्रदर्शित करने का आग्रह किया है। इसके अलावा, डॉक्टरों की सहायता के लिए KYD वेबसाइट पर डेमो वीडियो और FAQs भी उपलब्ध कराए गए हैं।
MMC के तहत 2 लाख से अधिक डॉक्टर पंजीकृत हैं, जिनमें से 1.4 लाख ने अपने लाइसेंस नवीनीकृत किए हैं। हालांकि, अभी भी कई डॉक्टर अपने लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया में हैं, और यह पहल उन्हें अपने डॉक्यूमेंट्स अपडेट करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
KYD प्लेटफॉर्म के लॉन्च के साथ, MMC ने मरीजों को सशक्त बनाने और मेडिकल प्रोफेशनल्स को नैतिक और कानूनी मानकों का पालन करने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। जैसे-जैसे यह पहल आगे बढ़ेगी, महाराष्ट्र में फर्जी मेडिकल प्रैक्टिस में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है, जिससे एक सुरक्षित और पारदर्शी हेल्थकेयर सिस्टम का निर्माण होगा।
Created On :   27 March 2025 3:18 PM IST