Year Ender 2024: भारतीय फुटबॉल के महानायक सुनील छेत्री ने खेल के मैदान को कहा अलविदा, प्रदर्शन के मामले में 2011 साल रहा था सर्वश्रेष्ठ
- भारतीय फुटबॉल के महानायक सुनील छेत्री ने खेल के मैदान को कहा अलविदा
- छेत्री के लिए अब तक का बेस्ट साल रहा 2011
- 6 जून को कुवैत के खिलाफ खेला था आखिरी मैच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2024 के इस साल में कई दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा की है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद अचानक अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी। इससे पहले भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा और धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली ने भी टी-20 विश्व कप के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। लेकिन इस साल न केवल क्रिकेट, फुटबॉल के खेल से भी एक खिलाड़ी ने मैदान को अलविदा कहा है।
दरअसल, भारतीय फुटबॉल टीम के दिग्गज खिलाड़ी और कप्तान सुनील छेत्री ने 16 मई को इंटरनेशनल फुटबॉल से अपने संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में अपना आखिरी मैच कुवैत के खिलाफ 6 जून को खेला था। कुवैत के खिलाफ ये मैच कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में खेला गया था, जिसमें दोनों टीमों का स्कोर 0-0 रहा था।
सुनील छेत्री का करियर
जानकारी के लिए बता दें, सुनील छेत्री ने साल 2005 में अपने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल करियर की शुरुआत की थी। छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में अब तक कुल 94 गोल दागे हैं। इसी के साथ वह विश्व में चौथे सबसे ज्यादा इंटरनेशनल गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। वहीं, उन्होंने साल 2002 से ही कल्ब के लिए खेलना शुरु कर दिया था। छेत्री अब तक कुल 10 कल्ब के लिए खेल चुके हैं। उन्होंने साल 2002 में मोहन बागान के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी। जबकि, साल 2016 तक वह मुंबई सिटी के लिए खेल रहे थे।
छेत्री के लिए अब तक का बेस्ट साल रहा 2011
वर्ष 2011 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनील छेत्री के लिए एक शानदार साल साबित हुआ था। उन्होंने भारत के नंबर एक स्ट्राइकर के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूती से स्थापित किया। इस दौरान उन्होंने 13 गोल किए, जो गोल स्कोर के मामले में उनका अब तक का सबसे अच्छा साल रहा। इस साल उनके कुछ प्रभावशाली प्रदर्शनों ने उन्हें सैफ चैंपियनशिप में भारत के लिए पूरी तरह से महत्वपूर्ण बना दिया, जहां उनके गोल भारत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण थे, उनकी इच्छानुसार गोल करने की क्षमता आक्रमणकारी रणनीति की आधारशिला थी।
Created On :   25 Dec 2024 9:13 PM IST