Olympic history: इसी खेल से शुरू हुई वॉकओवर के बाद जीत मिलना, अमेरिका के जिद्दी खिलाड़ी बने वजह
- 1908 ओलंपिक खेलों के लिए विशेष रुप से तैयार किया गया स्टेडियम
- अमेरिकी खिलाड़ी का सलामी में ध्वज झुकाने से इंकार
- इतिहास में पहली बार लंदन ओलंपिक में उद्घाटन समारोह का आयोजन
- भारत ने 1908 लंदन ओलंपिक में हिस्सा नहीं लिया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खेलों के महाकुंभ का चौथा आयोजन लंदन में 27 अप्रैल से 31अक्टूबर 1908 के बीच हुआ, जहां 22 देशों के 2,024 खिलाड़ियों ने 24 खेंलों के 109 इवेंटस में अपना दमखम दिखाया।
1908 के ओलंपिक खेलों को मूल रूप से रोम के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन, इटली उस वक्त संगठन और वित्तीय संबंधी परेशानियों से जूझ रहा था जिसके कारण यह निर्णय लिया गया कि खेलों को लंदन में कराया जाएगा। इतिहास में पहली बार लंदन ओलंपिक में उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया था और पहली बार ही खेलों का आयोजन संबंधित खेलों की गर्वनिंग बॉडी द्वारा ही किया गया था।
वीडियो क्रेडिट- BFI
खेलों की तरह एथलीटों की परेड भी राजनीति और विवादों का विषय रही। फ़िनिश टीम ने फ़िनलैंड में रूसी शासन का विरोध किया। कई आयरिश एथलीटों ने ब्रिटिश ताज के नीचे खेलने से इनकार कर दिया जिस वजह से वे खेलों से दूर रहे, और अमेरिकियों और अंग्रेजों के बीच चल रहे विवाद की शुरुआत तब हुई जब अमेरिकी शॉट-पुटर राल्फ रोज किंग एडवर्ड सेवंथ को सलामी में अमेरिकी ध्वज को झुकाने से मना कर दिया। राल्फ रोज के इंकार बाद में परंपरा ही बन गया. जिसके बाद अमेरिकी ध्वज का सलामी में झुकना बंद हो गया।
जल्दबाजी में की गई तैयारी
कम समय मिलने के बावजूद, खेल पूरी तरह से सुव्यवस्थित थे। पहली बार, खेलों के लिए एक स्टेडियम विशेष रूप से तैयार किया गया था। खुले पानी की जगह स्वीमिंग इवेंट्स एक पूल में कराए गए थे।
पहली बार शामिल खेल
डाइविंग, मोटरबोटिंग, इनडोर टेनिस और फील्ड हॉकी को पहली बार शामिल किया गया था।
प्रतिनिधिमंडल की परेड
पहली बार खिलाड़ियों ने उद्घाटन समारोह में अपने देश के झंडे के पीछे परेड की।
मैराथन की आधिकारिक दूरी
1908 के खेलों की सबसे यादगार घटना मैराथन थी। खेल आयोजन समिति ने मैराथन की दूरी 42 किमी और 195 मीटर तय की, अंतिम 195 मीटर को विंडसर कैसल(इग्लैंड का एक शाही किला) से लंदन स्टेडियम में रॉयल बॉक्स तक जोड़ा गया था। यह दूरी 1924 ओलंपिक के बाद से आधिकारिक हो गई।
रिले का आयोजन
एथलेटिक्स इवेंट्स में पहली बार रिले शामिल किया गया था, जिसे आज "ओलंपिक रिले" कहा जाता है। इसके तहत एथलीटों को 200 मीटर, 400 मीटर और 800 मीटर की दौड़ पूरी करनी होती हैं।
साहसी खिलाड़ी
मैराथन के अंतिम चरण में इटली के डोरंडो पिएत्री ने स्टेडियम में सबसे पहले प्रवेश किया, लेकिन वह गलत दिशा में चले गए और फिर गिर गए। अधिकारियों ने उन्हें पहले स्थान पर फिनिश लाइन तक पहुंचने में मदद की। पर बाहरी सहायता प्राप्त करनेके चलते उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, लेकिन उनके इस साहस की सबने सराहना की।
खेल भावना का अनूठा उदाहरण
खेल भावना का एक अद्भुत उदाहरण तब देखने को मिला जब फ्रिथियोफ मार्टेंसन और मॉरिट्ज़ एंडरसन के बीच मिडिलवेट ग्रीको-रोमन कुश्ती फाइनल को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया ताकि मार्टेंसन मामूली चोट से उबर सकें। मार्टेंसन ठीक होने के बाद जीतने में सफल रहे।
एक नाम के तहत दो देशों का प्रतिनिधित्व
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के नाम से एक ही टीम के रूप में हिस्सा लिया था।
एथलीटों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा लंदन ओलंपिक
इस आयोजन से ओलंपिक खेलों को दुनिया भर में जाना जाने लगा और हर जगह के एथलीट भाग लेने में उत्सुकता दिखाने लगे।
आमने-सामने आए अमेरिकी एथलीट और ब्रिटिश अधिकारी
लंदन ओलंपिक में उद्घाटन समारोह और अधिकांश कार्यक्रम शेफर्ड के बुश स्टेडियम में आयोजित किए गए थे। ट्रैक और फील्ड इवेंट्स को अमेरिकी एथलीटों और ब्रिटिश अधिकारियों के बीच मनमुटाव के कारण जाना जाता है।
400 मीटर के फ़ाइनल को अधिकारियों द्वारा रद्द कर दिया गया था, जिन्होंने स्पष्ट विजेता, अमेरिकी जॉन कारपेंटर को अयोग्य घोषित कर दिया था, क्योंकि कारपेंटर ने जानबूझकर ग्रेट ब्रिटेन के विन्धम हल्सवेल को परेशान करने के लिए उनकी शर्ट पकड़ कर खींची। जिसकी वजह से हल्सवेल रेसिंग ट्रैक पर गिर पड़े। इसके बाद एक नई दौड़ का आदेश दिया गया था, लेकिन दूसरी बार में बाकी अमेरिकी खिलाड़ियों ने दौड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद हेल्सवेल को वॉकओवर मिला। ओलंपिक में पहली वॉकओवर लेकर जीतने वाले हेल्सवेल पहले खिलाड़ी बने।
यादगार चैपिंयन
ग्रेट ब्रिटेन के हेनरी टेलर ने स्वीमिंग इवेंट्स में तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।
मोटिवेशनल कोटेशन
पेन्सिलवेनिया के बिशप एथेलबर्ट टैलबोट के शब्दों से प्रेरित होकर, पियरे डी कौबर्टिन ने उन शब्दों को ओलंपिक आंदोलन का सूत्र बनाया- "जीवन में महत्वपूर्ण चीज जीत नहीं है, बल्कि लड़ाई है।"
मेडल टेली
भारत ने 1908 लंदन ओलंपिक में हिस्सा नहीं लिया था।
Created On :   10 July 2021 2:41 PM IST