पेरिस पैरालंपिक 2024: महिला पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने रचा इतिहास, तोड़ा कंपाउंड आर्चरी का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
- महिला पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने रच दिया है इतिहास
- क्वालीफिकेशन राउंड से पहले 698 अंकों का था विश्व रिकॉर्ड
- पहले भी रच चुकी हैं इतिहास शीतल देवी पहले भी रच चुकी हैं इतिहास
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक गेम्स के बाद पैरालंपिक खेलों का भी आगाज हो चुका है। पैरालंपिक खेल के पहले ही दिन भारतीय महिला पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने इतिहास रच दिया है। शीतल ने कंपाउंड आर्चरी के अब तक के सबसे बड़े स्कोर का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कंपाउंज आर्चरी के क्वालीफिकेशन राउंड से पहले विश्व रिकॉर्ड 698 था। इस रिकॉर्ड को ग्रेट ब्रिटेन की फोएबे पाइन पेटरसन ने बनाया था। भारत की शीतल देवी ने महिला सिंगल्स कंपाउंड आर्चरी के क्वालीफिकेशन राउंड में 703 अंक लाकर इस रिकॉर्ड को धवस्त कर दिया है।
महिला कंपाउंड सिंगल्स आर्चरी कम्पटीशन के क्वालीफिकेशन राउंड में पहले शीतल 348 प्वाइंट्स के साथ दूसरे स्थान पर थी लेकिन महज कुछ ही देर बाद उन्होंने 60 अंकों की बढ़त बना ली। इसी के साथ वह इस राउंड में पहले स्थान पर आ गई। उस समय शीतल को 30 बार और निशाना साधना बाकी था। शीतल के गेम को देखकर ऐसी क्यास लगाई जा रही थी की वह 698 अंको का रिकॉर्ड ब्रेक करेंगी और हुआ भी ऐसा ही, उन्होंने इस विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर न केवल अपना साथ ही देश का भी नाम रौशन किया है।
बता दें, शीतल के साथ ही तुर्की की पैरा आर्चर गिर्डी ओजनुर ने भी यह कारनामा किया है। उन्होंने 704 अंको के साथ इस रिकॉर्ड को तोड़ा है। मैच के लास्ट राउंड में शीतल का स्कोर 703 था वहीं तुर्की की गिर्डी 704 पर थी। पहले शीतल ओजनुर से आगे चल रही थी लेकिन बाद में गिर्डी ने उन्हें पीछे छोड़ दिया। तुर्की की ओजनुर और भारत की शीतल देवी इस क्वालीफिकेशन राउंड में क्रमशः 704 और 703 अंक बटोर कर विश्व रिकॉर्ड से आगे निकल गई हैं।
पहले भी रच चुकी हैं इतिहास
शीतल ने इससे पहले एक और इतिहास रच दुनिया में भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया था। शीतल ने पिछले साल चीन के हांगझोउ में हुए पैरा एशियाई खेलों में महज एक सीजन में दो स्वर्ण पदक पहली भारतीय महिला बन गई थी। इसी के साथ उन्होंने रजक पदक भी जीता था।
Created On :   29 Aug 2024 9:54 PM IST