ऐतिहासिक जीत: 24 सितंबर 2007, वह दिन जब भारत ने दुनिया को क्रिकेट के मैदान पर अपनी ताकत का एहसास करवाया

24 सितंबर 2007, वह दिन जब भारत ने दुनिया को क्रिकेट के मैदान पर अपनी ताकत का एहसास करवाया
  • 24 सितंबर 2007, भारत ने जीता था टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब
  • पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने बनाए थे 157 रन
  • गौतम गंभीर की 54 गेंदों 75 रनों की तूफानी पारी ने अहम भूमिका निभाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 24 सितंबर... यह तारीख कोई क्रिकेट फैन शायद ही भूल पाए। आज ही के दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई थी। ठीक 17 साल पहले, 24 सितंबर 2007 को भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार टी-20 विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की थी। जोहान्सबर्ग के वांडरर्स क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस ऐतिहासिक फाइनल मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 5 रनों से मात देकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम हमेशा के लिए दर्ज करवा दिया था।

रोमांच से भरे इस फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 157 रन बनाए थे। जिसमें सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर की 54 गेंदों 75 रनों की तूफानी पारी ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही रोहित शर्मा ने भी 16 गेंदों में 30 रन जड़े थे।

158 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम की शुरूआत बेहद खराब रही उसके शुरूआती तीन विकेट 53 रन के स्कोर पर गिर गए। भारत की धारदार गेंदबाजी के आगे पाकिस्तान बल्लेबाज रन बनाने के लिए तरसते नजर आए। एक समय पर टीम ने अपने 6 विकेट 77 रन के स्कोर पर खो दिए थे। ऐसा लग रहा था मानो भारत यह मैच आसानी से जीत लेगा। लेकिन शायद इसे मैच को क्रिकेट इतिहास के सबसे रोमाचंक मुकाबलों में शामिल होना था।

पाकिस्तान की ओर से मिस्बाह उलहक क्रीज पर टिके हुए थे और भारत के हर गेंदबाज का जमकर सामना कर रहे थे। उनकी शानदार पारी की बदौलत लगातार अंतराल पर विकेट गिरने के बाद भी मैच में बना रहा। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे और भारत को एक विकेट। लेकिन कप्तान धोनी ने टूर्नामेंट के लास्ट ओवर में अपने सूजबूझ दिखाते हुए गेंद जोगिंदर शर्मा को सौंप दी।

लास्ट ओवर की पहली गेंद जोगिंदर ने वाइड डाल दी थी। वहीं, ओवर की पहली गेंद डॉट गई थी। इसके बाद जोगिंदर की दूसरी गेंद पर मिस्बाह जोड़दार छक्का जड़ दिया। इसी के साथ पाकिस्तान को जीत के लिए महज 6 रनो की जरूरत थी। लेकिन जोगिंदर की तीसरी गेंद पर उनका गलत शॉट खेलना उन्हें और पूरी पाकिस्तानी टीम को काफी महंगा पड़ा। तीसरी गेंद पर मिस्बाह हवाई हमला कर गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाना चाहते थे लेकिन गेंद सीधा श्रीसांत के हाथों में जा गिरी।

टीम इंडिया की टी-20 वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत ने न केवल भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के दिलो में एक खास जगह बनाई है। इस जीत के साथ भारत ने साबित किया कि युवा खिलाड़ी भी विश्व क्रिकेट पर राज करने की क्षमता रखते है। महेंद्र सिंह धोनी की शांत कप्तानी, युवराज सिंह के छक्कों की बरसात, और गौतम गंभीर की संयमित बल्लेबाजी इस टूर्नामेंट की खास यादें बनकर रह गई जिन्हें सादियों तक याद रखा जाएगा।

Created On :   24 Sept 2024 11:52 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story