कर्नाटक सियासत: कर्नाटक में हिंदुओं का अपमान नहीं करेंगे बर्दाश्त : भाजपा
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक भाजपा ने कहा है कि वह हिंदुओं को अपमानित करने की कांग्रेस सरकार की नीति को बर्दाश्त नहीं करेगी और मुंहतोड़ जवाब देगी। भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने बेंगलुरु में भाजपा मुख्यालय में अरविंद बेलाड और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सीटी. रवि के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''हिंदुओं को भड़काओ मत, तलवार या चाकू से हिंदुओं को डराने की कोशिश मत करो, उचित जवाब दिया जाएगा। यदि हिंदुओं पर अनिवार्य रूप से आक्रमण होगा तो उन्हें भी बचाव एवं आक्रमण करना होगा। आप सोचते हैं कि हिंदू हर समय सहिष्णु रहेंगे तो यह मूर्खता है।''
यतनाल ने कांग्रेस से पूछा कि वह कितने मुकदमे और गुंडा एक्ट दर्ज करा सकती है? उन्होंने कहा, ''क्या कर्नाटक में बीजेपी दोबारा सत्ता में नहीं लौटेगी? आप सांप्रदायिक झड़पों के आरोपियों के खिलाफ मामले वापस लेना चाहते हैं, क्या भाजपा के सत्ता में वापस आने पर उन्हें फिर से नहीं खोला जा सकता? उन्होंने कहा कि पुलिस एसपी पर भी हमला किया गया और पुलिस पर पथराव किया गया। उन्होंने पूछा कि पुलिस को स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? उन्होंने आगे कहा, “ऐसी स्थिति में राज्य पुलिस को कैसे काम करना चाहिए? क्या आप केवल मुस्लिम वोटों से सत्ता में आये हैं? सिद्दारमैया सरकार कर्नाटक को जम्मू कश्मीर और केरल की तरह मुस्लिम राज्य बनाने की कोशिश कर रही है।'' उन्होंने कहा, ''मैंने 12 गणेश उत्सव कार्यक्रमों में भाग लिया था। मुधोल शहर में लगभग 70,000 लोग एकत्र हुए लेकिन पथराव की एक भी घटना सामने नहीं आई। न तो तलवारें और चाकू दिखाए गए और न ही नारे लगाए गए। लेकिन, ईद मिलाद का जश्न जो शांति का संदेश देने वाला था, उसे हिंदुओं पर हमला करने के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह सरकार हिंदुओं की रक्षा कैसे करेगी?''
उन्होंने कहा कि जब बात सनातन की होती है तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, उनके बेटे और आईटी, बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ऐसे बयानों का बचाव करने में हमेशा आगे रहते हैं। लेकिन, अब वे अचानक गायब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हो रही घटनाओं से यह सवाल उठ रहा है कि हिंदुओं की रक्षा कौन करेगा। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस की जीत के बाद गाय का सिर काटकर मंदिरों के सामने रखा जा रहा है।''
पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने कहा कि कांग्रेस सरकार की मंशा खराब है। विधानसभा चुनाव के नतीजों के समय बेलगावी में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। भटकल में एक मुस्लिम का लेख भी सामने आया, जिसमें कहा गया है कि हिंदुओं के शवों को साफ करने के लिए लोग उपलब्ध नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बेलगावी में जैन संत की निर्मम हत्या की घटना हुई तो सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों ने संदेहास्पद आचरण किया। रवि ने कहा, ''टी. नरसिपुरा में टी. वेणुगोपाल युवा ब्रिगेड के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई और नतीजों के एक दिन बाद बेंगलुरु के होसाकोटे में बीजेपी कार्यकर्ता कृष्णप्पा की हत्या कर दी गई।
धारवाड़ में कांग्रेस की जीत के जश्न के दौरान भरतेश नाम के शख्स को चाकू मार दिया गया। यादगीर में बीजेपी कार्यकर्ता श्रीनिवास की हत्या कर दी गई। हासन में डर पैदा करने के लिए पिस्तौल लेकर घूमते हैं, सकलेशपुरा में गाय का सिर फोड़ दिया। बागलकोट में स्ट्रीट लाइटें बंद कर दी गईं और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया।
उन्होंने कहा, शिवमोग्गा में मौलिक तत्वों को खुली छूट दी गई है और सिद्दारमैयाके पहले कार्यकाल के दौरान सरकार ने टीपू जयंती मनाई थी। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान के साथ-साथ औरंगजेब का भी महिमामंडन किया जाता है। शिवमोग्गा में पुलिस पर पत्थरों से हमला किया गया और राज्य के गृह मंत्री ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ''बेंगलुरु में डीजे हल्ली-केजी हल्ली हिंसा में, कांग्रेस विधायक का घर जला दिया गया और 200 से अधिक घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।''
“हुबली में दंगा और पुलिसकर्मियों पर हमले में 12 मामले दर्ज हैं। कांग्रेस विधायक तनवीर सैत ने बेंगलुरु दंगा मामले वापस लेने के लिए सरकार को पत्र लिखा था, जबकि उपमुख्यमंत्री डीके. शिवकुमार ने हुबली हिंसा से जुड़े मामले वापस लेने के लिए पत्र भी लिखा था।" रवि ने कहा, ''कांग्रेस नेताओं द्वारा बुनियादी तत्वों को स्पष्ट रूप से प्रोत्साहित किया जाता है।'' उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुसलमानों को वापस देने की बात करते हैं। उन्होंने मुसलमानों के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड देने का वादा किया। टीपू सुल्तान की तलवार को चमकाने की अनुमति दी गई लेकिन उडुपी में भगवा ध्वज हटा दिया गया। उपद्रवियों का हिंदू घरों में घुसना अब एक नई सामान्य बात हो गई है।उन्होंने कहा कि हिंदू कार्यकर्ता पुनीथ केरहल्ली को हत्या के झूठे मामले में फंसाया गया और जेल में डाल दिया गया। वह अपने आरोपों के खिलाफ सबूत की मांग करते हुए धरने पर बैठे हैं। अगर उन्हें कुछ हुआ तो सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार जिम्मेदार होगी।
(आईएएनएस)
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Created On :   4 Oct 2023 7:01 PM IST