कैश फॉर क्वेरी मामला: महुआ मोइत्रा से ममता बनर्जी क्यों बना रही हैं दूरी? अपने सांसदों के लिए TMC जारी करेगी गाइडलाइन!
- कैश फॉर क्वेरी मामले में बूरी तरह फंसी महुआ मोइत्रा
- 2 नवंबर को पेश होना है संसद के एथिक्स कमेटी के सामने
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। संसद की एथिक्स कमेटी ने 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। टीएमसी सांसद पर आरोप है कि उन्होंने कारोबारी हीरानंदानी से कैश और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछे हैं, जो संसद की मर्यादा के खिलाफ है। हाल ही में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए थे। जिस पर टीएमसी सांसद ने कहा था कि बीजेपी बेवजह टारगेट कर रही है। लेकिन इन सबसे इतर देखा जाए तो सांसद महुआ मोइत्रा को पार्टी की ओर से सपोर्ट नहीं मिल रहा है। जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं।
टीएमसी की ओर से बीते दिनों बंगाल सरकार के मंत्री और कोलकाता के मेयर फरहाद हाकिन ने सपोर्ट किया था लेकिन बाद में उन्होंने भी इस मुद्दे पर बात करने से माना कर दिया और कहा था कि इस मुद्दे पर महुआ से ज्यादा बेहतर कोई नहीं बता सकता है। मंत्री हाकिन की तरह ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुणाल घोष ने पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि मोइत्रा आरोपों की सही जवाब देने में सक्षम हैं पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया जाएगा।
मोइत्रा से टीएमसी ने बनाई दूरी
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, महुआ मोइत्रा के मामले में टीएमसी फंसना नहीं चाहती है। उसे पता है कि अगर मोइत्रा के पक्ष में बयान दिया जाता है तो बीजेपी मुद्दा बना सकती है जो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अपनी इमेज इंडस्ट्री के खिलाफ नहीं दिखाना चाहती हैं। उनके अडानी ग्रुप से बेहतर संबंध है और इस समूह ने बंगाल में निवेश किया है। ममता बनर्जी कई दफा ये कह चुकी हैं कि राजनीति अलग चीज है और कारोबार एकदम अलग, यादि आगे बढ़ना है तो फिर सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा।
ममता ने क्यों साधा चुप्पी?
पिछले दिनों कथित टैक्स चोरी के आरोप में अडानी ग्रुप पर विपक्षी दलों ने काफी हमला बोला था। जिसमें एक नाम महुआ मोइत्रा का भी है लेकिन ममता बनर्जी ने अभी तक अडानी को लेकर कुछ नहीं बोला है। साल 2021 से अब तक गौतम अडानी से ममता बनर्जी दो बार मुलाकात कर चुकी हैं। पिछली बार साल 2022 में दोनों की मुलाकात हुई थी। ममता बनर्जी ने गौतम अडानी को ग्लोबल समिट के उद्धाटन में राजधानी कोलकाता में बुलाया था, जहां अडानी पहुंचे भी थे और दोनों वरिष्ठों में बातचीत भी हुई थी।
सांसदों के लिए पार्टी जारी करेगी गाइडलाइन
कुल मिलाकर देखा जाए तो महुआ से टीएमसी दूरी बना कर ही रखना चाहती है ताकि उसका असर पार्टी की छवि और बंगाल के उद्योग पर न पड़े नहीं तो अडानी समूह से ममता बनर्जी के रिश्ते बिगड़ सकते हैं, जो राज्य के लिए हित में नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे मामले पर ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा से संभल कर बात करने को कहा है ताकि किसी प्रकार का हंगामा न हो। मोइत्रा को लेकर पहले ही पार्टी की किरकिरी हो चुकी है। खबर ये भी है कि, टीएमसी अब अपने सांसदों को संसद में बोलने के लिए गाइडलाइन भी जारी कर सकती है।
Created On :   31 Oct 2023 11:30 AM IST