Murshidabad violence: 'दंगाईयों को संरक्षण दे रही टीएमसी सरकार, हिंसा पूरी तरह प्रायोजित', बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल का बड़ा आरोप

- मुर्शिदाबाद हिंसा पर गरमाई सियासत
- ममता सरकार पर हमलावर बीजेपी
- हिंसा को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित बताया
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पास होने और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष द्वारा लगातार विरोध जताया जा रहा है। विपक्षी दलों की ओर से इस कानून के खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गई हैं। इन सबके बीच बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी है, जिसे लेकर ममता बनर्जी की सरकार भाजपा के निशाने पर आ गई है। पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि मुर्शिदाबाद में जो हिंसा हुई है, इसके पीछे एकमात्र वजह बंगाल की ममता सरकार द्वारा दंगाइयों को संरक्षण है।
मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि बंगाल सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री खुलेआम बयान देकर लोगों को आपस में लड़वाने का काम करते हैं। वह कहते हैं कि वक्फ कानून को नहीं मानेंगे। दूसरी ओर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती हैं कि वह वक्फ कानून को बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। जबकि, संसद में बहुमत से वक्फ कानून पास किया गया है और इसे सभी राज्यों में लागू किया जाएगा। कोई राज्य इसे लागू करने से मना नहीं कर सकता है। भाजपा सांसद ने कहा कि ममता ने इससे पहले सीएए को लेकर भी बयान दिया था कि वह सीएए को राज्य में लागू नहीं होने देंगी। लेकिन, आज बंगाल में सीएए लागू है।
हिंसा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित
भाजपा सांसद ने कहा कि मुर्शिदाबाद हिंसा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित है। वहां पर हिन्दुओं को पलायन कर मालदा जिले की ओर जाना पड़ा है। दंगाइयों ने एक परिवार में पिता-पुत्र पर हमला किया। मैं समझता हूं कि बंगाल में कानून नाम की चीज नहीं है। कानून के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनकर बैठी है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलेआम मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। ममता प्रदेश में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को राशन कार्ड मुहैया करा रही हैं। वक्फ कानून में जो संशोधन वर्तमान सरकार ने किया है, वह गरीब मुसलमानों के हित में है। अब तक जो लाभ उनसे छीना गया, मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि वह उन्हें मिले। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, बल्कि सभी को इस संशोधन का स्वागत करना चाहिए।
किए गए जरुरी सुधार
कांग्रेस के समय में साल 2013 में कानून में संशोधन किया गया और सेक्शन 40 जोड़ा गया। इस सेक्शन के तहत वक्फ किसी भी जमीन पर अपना मालिकाना हक जता सकता था। जिसकी कहीं भी सुनवाई नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सांसद कह रहे हैं कि उनकी सरकार आएगी तो वक्फ कानून को रद्दी के टोकरी में फेंक देंगे। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वर्षों से वह 100 सीट तक पहुंच नहीं पाए और कानून को फेंकने की बात करते हैं। वह मुस्लिम धर्मगुरुओं को गाली दे रहे हैं। वक्फ संशोधन बिल जब संसद में पास हो रहा था तो राहुल गांधी अनुपस्थित थे। अगर उन्हें यह असंवैधानिक लगता है तो वह चर्चा में क्यों शामिल नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ याचिका दायर है तो हिंसा की जरूरत क्यों पड़ी। यह साफ दिखाता है कि बंगाल का हिंसा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित है।
Created On :   16 April 2025 1:29 AM IST