नए संसद भवन के बवाल में कूदे आचार्य प्रमोद कृष्णम, पूछा क्या पाकिस्तानी पीएम करेंगे उद्घाटन?
- नए संसद भवन पर सियासी घमासान
- आर्चाय प्रमोद ने उठाए सवाल
- ओवैसी पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत को चंद दिनों के बाद लोकतंत्र का नया मंदिर नए संसद भवन के रूप मिलने जा रहा है। जिसको लेकर जोरों शोर से तैयारियां शरू हो गई हैं। 28 मई 2023 को पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। लेकिन इसका विरोध भी जबरदस्त तरीके से हो रहा है। दरअसल, देश के तमाम पार्टियां इस बात को लेकर विरोध कर रही हैं कि इस संसद भवन का उद्घाटन पीएम नहीं बल्कि देश के राष्ट्रपति को करना चाहिए। इसी को देखते हुए देश के 19 प्रमुख राजनीतिक दलों ने सामूहिक विरोध करने का निर्णय लिया है। जिसमें कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा आक्रामक दिखाई दे रही है। लेकिन जहां कांग्रेस पीएम से नहीं बल्कि राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने की बात कह रही है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता आर्चाय प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने इस पूरे मामले पर कहा कि, विरोध करना सबका अधिकार है लेकिन विरोध करते-करते देश का विरोध करने लग जाना यह पूरी तरह गलत है। आर्चाय ने कहा कि, अगर भारत के प्रधानमंत्री नहीं तो पाकिस्तान के पीएम आकर नए संसद भवन का उद्धाटन करेंगे।
आर्चाय प्रमोद कृष्णम ने क्या कहा?
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएम मोदी के नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने एएनआई से खास बातचीत में कहा कि, भारतीय संसद भारत की धरोहर है, भाजपा की नहीं है। जैसे विरोध हो रहा है अगर नए संसद का उद्घाटन हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करेंगे? संसद, राष्ट्रपति भवन ये सब इमारतें किसी पार्टी विशेष की नहीं बल्कि देश की होती हैं। हम तमाम विपक्षी दलों को पीएम मोदी का विरोध करना चाहिए उनकी नीतियों के खिलाफ बोलना चाहिए, जो हम हर जगह करेंगे। लेकिन देश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमें हिंदुस्तान का विरोध नहीं करना चाहिए।
ओवैसी पर साधा निशाना
आर्चाय प्रमोद कृष्णम यहीं नहीं रूके उन्होंने विपक्षी दलों से आग्रह किया की वो पीएम मोदी का विरोध करे लेकिन जिस तरह वो फिलहाल कर रहे हैं वो पूरी तरह देश विरोधी है। क्योंकि संसद भारत की धरोहर हैं और विरोध कर रहे तमाम दलों को एक बार फिर से सोचना चाहिए कि क्या वो सही कर रहे हैं? आर्चाय ने कहा कि, जिस तरह राजनीतिक दल भारत की संसद को भाजपा के मान रहे हैं वो गलत हैं इसलिए मेरा उन सभी से निवेदन है कि सभी पार्टियां ओवैसी के रास्ते पर न चले।
विपक्ष ने गैर संवैधानिक बताया
दरअसल, देश की 19 प्रमुख पार्टियां पीएम मोदी के नए संसद भवन के उद्घाटन पर सवाल खड़े कर रही है। उनका कहना है कि देश का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति होता है इसलिए उन्हें ही उद्घाटन करना चाहिए। इसके अलावा विपक्षी दलों ने भाजपा की सरकार पर राष्टपति को उद्घाटन समारोह से दूर रखने का आरोप लगाया है और इसे 'अशोभनीय कृत्य' सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान बता रहे हैं।
विरोध करने वाली पार्टियां
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने पर 19 राजनैतिक पार्टीयां विरोध कर रही हैं। जिनमें कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), तृणमूल कांग्रेस, , जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी(आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), समाजवादी पार्टी (सपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) जैसे कई पार्टियां हैं।
बीजेपी ने क्या कहा?
इस पूरे मामले पर भाजपा का जवाब सामने आया है। उसका कहना है कि इस तरह विरोध करना पूरी तरह असंवैधानिक है। भारत का प्रधानमंत्री को देश की जनता ने चून कर भेजा है। अगर वो नए संसद भवन का उद्घाटन करते हैं तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। बीते दिन गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, देश के सभी दलों को नए संसद भवन की उद्घाटन समारोह में आने का न्योता दिया गया है वह अगर भारत की उपलब्धि में शामिल होना चाहते हैं तो वो आ सकते हैं नहीं तो कोई क्या कर सकता है।
Created On :   25 May 2023 9:04 AM IST