शीतकालीन सत्र: 'उनकी बातों में कुछ भी नया नहीं...', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी के भाषण पर दी पहली प्रतिक्रिया
- प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी के भाषण पर दी पहली प्रतिक्रिया
- 'उनकी बातों में कुछ भी नया नहीं...'- प्रियंका गांधी
- पीएम मोदी ने कांग्रेस पर सदन में साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के बातों में कुछ भी नया नहीं है। प्रियंका गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री जी ने एक नई बात नहीं कही। मैंने सोचा था प्रधानमंत्री कुछ नया बोलेंगे या कुछ अच्छा बोलेंगे। अगर भ्रष्टाचार के प्रति उनकी सरकार का जीरो टॉलरेंस है तो अडानी मामले पर बहस तो करें।"
इससे पहले पीएम मोदी ने सदन में संविधान पर चर्चा को लेकर लोकसभा सदन में भाषण दिया। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि, वोट बैंक की राजनीति ने इस व्यवस्था को हाईजैक कर लिया। कुछ लोगों ने धर्म और तुष्टिकरण के आधार पर आरक्षण में हेराफेरी करने की कोशिश की। गौरतलब है कि इस पाप के शिकार एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय थे। बाबा साहब अंबेडकर एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए समर्पित कर दिया। उनका लक्ष्य था कि भारत के विकास के लिए कोई भी वर्ग कमज़ोर न रहे। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने आरक्षण प्रणाली की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य वंचितों को समानता और अधिकार प्रदान करना था।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लिए सत्ता सुख और सत्ता भूख। यही एकमात्र इतिहास है, कांग्रेस का वर्तमान है। हमने भी संविधान संशोधन किए हैं। लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।
कांग्रेस के डीएनए का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि एक शब्द है- जुमला, जिसके बिना वो (कांग्रेस) जी नहीं सकते। लेकिन इस देश को पता है हिंदुस्तान में अगर सबसे बड़ा जुमला कोई था और वो 4-4 पीढ़ी ने चलाया। वह जुमला था - 'गरीबी हटाओ'। यह ऐसा जुमला था जिससे उनकी राजनीति की रोटी तो सेकी जाती थी, लेकिन गरीब का हाल ठीक नहीं होता था।
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी भावना को नष्ट करना कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा रहा है। हमारे लिए संविधान, उसकी पवित्रता और उसकी अखंडता सबसे महत्वपूर्ण है! ये सब सिर्फ शब्द में नहीं हैं। जब-जब हमें एक शो पर कसा गया, तब-तब पाया गया कि हम टैप करके निकले हुए लोग हैं।
6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पहले पंडित नेहरू का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह मानी नहीं। करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया, जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमती इंदिरा गांधी। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया और 1971 में ये संविधान संशोधन किया गया था। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे।
35-ए का पीएम मोदी ने किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि जब संविधान 50 वर्ष का हुआ, तो अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने 26 नवंबर, 2000 को देशव्यापी समारोह आयोजित किए। प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने राष्ट्रीय एकता और जब भागीदारी पर जोर देते हुए एक विशेष संदेश दिया। उन्होंने संविधान की भावना पर प्रकाश डाला और लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक किया। उनके संदेश ने नागरिकों को संविधान के सिद्धांतों को अपनाने और इसके महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे राष्ट्रीय एकता और समृद्धि मजबूत हुई। कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की। संविधान के महत्व को कम किया। कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है। आर्टिकल 370 के बारे में तो सबको पता है, लेकिन 35-ए के बारे में पता बहुत कम है। भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो ये संसद है, लेकिन उसका भी इन्होंने गला घोंटने का काम किया।
Created On :   14 Dec 2024 8:12 PM IST