राज्यसभा में संविधान पर चर्चा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा - 'कांग्रेस ने एक परिवार को बचाने कई बार किए संशोधन', खड़गे ने किया पलटवार
- राज्यसभा में संविधान पर हुई चर्चा
- निर्मला सीतारमण ने संविधान संशोधन को लेकर कांग्रेस को घेरा
- खड़गे ने बोले - सरकार की सोच संविधान के खिलाफ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 25 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ था जो कि 20 दिसंबर को खत्म होगा। सोमवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 घंटे 19 मिनट की स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी परिवार और वंशवाद की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही। ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे। इस प्रक्रिया का इस्तेमाल परिवार को मजबूत करने के लिए किया गया।
वहीं वित्त मंत्री के भाषण के जवाब में मल्लिकार्जुन ने भी 1 घंटे 19 मिनट ही भाषण दिया। खड़गे ने कहा कि जो लोग झंडे से नफरत करते हैं, जो लोग हमारे अशोक चक्र से नफरत करते हैं, जो लोग संविधान से नफरत करते हैं। ये आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं। जब ये संविधान बना, इन लोगों ने रामलीला मैदान में बाबा साहेब अंबेडकर का पुतला लगाकर संविधान को जलाया है। ये लोग अब नेहरू जी, इंदिरा जी और पूरे परिवार को गाली देते हैं।
वित्त मंत्री ने लालू प्रसाद यादव पर साधा निशाना
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इमरजेंसी का जिक्र कर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, " मैं ऐसे राजनीतिक नेताओं को जानती हूं जिन्होंने उन काले दिनों को याद करने के लिए अपने बच्चों का नाम MISA के नाम पर रखा है और अब उन्हें उनके साथ गठबंधन करने में भी कोई आपत्ति नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल भेजा गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान, मजरूह सुल्तानपुरी ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई एक कविता सुनाई इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं था। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई राजनीतिक जीवनी "नेहरू" पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने "किस्सा कुर्सी का" नामक एक फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे।
सरकार की सोच संविधान के खिलाफ
वहीं निर्मला सीतारमण की स्पीच के जवाब में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'जो जो झंडे से नफरते हैं, जो लोग हमारे अशोक चक्र से नफरत करते हैं, जो लोग संविधान से नफरत करते हैं। ये आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं। जब ये संविधान बना, इन लोगों ने रामलीला मैदान में बाबा साहेब अंबेडकर का पुतला लगाकर संविधान को जलाया है। ये लोग अब नेहरू जी, इंदिरा जी और पूरे परिवार को गाली देते हैं। शर्म करो, आप लोगों ने संविधान के बारे में कैसी-कैसी बातें बोली हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी बहादुर नेता इंदिरा गांधी ने दो टुकड़े करके एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी कराकर भारत देश को बचाया। यह काम आयरन लेडी ने किया। उन्होंने बता दिया था कि, हमारे नजदीक कोई आया तो खैर नहीं। आज ये दिन आ गया कि बांग्लादेश में संकट है, सरकार उन्हें बचाने की कोशिश करें। हम सत्ता पक्ष को बताना चाहते हैं कि संविधान हमने भी थोड़ा बहुत पढ़ा है। हम म्यूनिसिपॉलिटी स्कूल में पढ़े हैं, वे जेएनयू में पढ़े हैं। उनकी इंग्लिश अच्छी हो सकती है। लेकिन हमें भी पढ़ना आता है।
वित्त मंत्री के भाषण के जवाब में खड़गे ने कहा, 'जब कई शक्तिशाली देशों में सभी एडल्ट को वोट देने का अधिकार नहीं था, महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था, उस समय भारत ने सभी को मताधिकार दिया, महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। यह कांग्रेस, संविधान द्वारा दिया गया था। आरएसएस, जनसंघ ने इसका विरोध किया था।'
Created On :   16 Dec 2024 4:20 PM IST